छोटे शहरों में रोजगार का बूम, रिपोर्ट में दावा – 2 लाख नौकरियां इस सीजन

व्यापार: इस त्योहारी सीजन में दो लाख तक नए रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैं। इनमें से 70 फीसदी नौकरियां दिहाड़ी होंगी। 30 फीसदी रोजगार स्थाई होंगे। एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की त्योहारी अर्थव्यवस्था हमेशा से उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में अहम रही है। 2025 में मौसमी मांग भी रोजगार मॉडल को आकार दे रही है।

इस त्योहारी मौसम में जिन प्रमुख क्षेत्रों में दो लाख तक रोजगार पैदा होने की उम्मीद है उनमें, खुदरा, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और ग्राहक सेवाएं हैं। त्योहारी अवधि के दौरान भर्ती पिछले साल की तुलना में लगभग 20-25 फीसदी बढ़ सकती है। सप्लाई चेन और लास्ट-माइल डिलीवरी इन्फ्रास्ट्रक्चर में बड़े निवेश के कारण क्विक कॉमर्स और थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्र इस बढ़त को गति दे रहे हैं। इससे पता चलता है कि कंपनियां लचीलेपन और रफ्तार को संतुलित करने के लिए एक ब्लेंडेड वर्कफोर्स मॉडल अपना रही हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 35 फीसदी से अधिक व्यवसाय अब अपनी दीर्घकालिक प्रतिभा रणनीति के एक घटक के रूप में त्योहारी भर्तियों पर फिर से विचार कर रहे हैं। हम देख रहे हैं कि कंपनियां त्योहारों से पहले क्षमता बढ़ाने में निवेश कर रही हैं। अपने कर्मचारियों के विविधीकरण पर विचार कर रही हैं। कई बड़े क्विक कॉमर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म त्योहारों के बाद भी इस बढ़े हुए कार्यबल का 26 फीसदी हिस्सा बनाए रखेंगे, जो एक संरचनात्मक बदलाव की ओर इशारा करता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि टियर 2 और टियर 3 शहरों में भी भर्ती में काफी बढ़ोतरी होगी, जो सक्रिय विकास के केंद्र के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत कर सकते हैं। भुवनेश्वर, कोच्चि, इंदौर, सूरत और नागपुर जैसे शहरों में दिहाड़ी कामगारों में 30-40 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। इन शहरों के रिटेल और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए छोटे फुलफिलमेंट हब के रूप में उभरने के साथ पिछले त्योहार में टियर 2 शहरों में कुल दिहाड़ी भर्तियों का 47 फीसदी हिस्सा था। यह आंकड़ा 2025-26 में 50 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। असली वृद्धि का रुझान स्पष्ट रूप से दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों की ओर बढ़ रहा है। यहां प्रतिभाओं की संख्या मजबूत है और परिचालन लागत कम है।
 
ई-कॉमर्स और खुदरा क्षेत्र में ज्यादा रोजगार
मौसमी कर्मचारियों की मांग बढ़ रही है। लगभग 43 फीसदी कंपनियों ने बताया, इस त्योहारी सीजन में पिछले साल की तुलना में ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, खुदरा और हॉस्पिटैलिटी जैसे क्षेत्रों में ज्यादा नियुक्तियां की गईं। प्रमुख भूमिकाओं में मार्केटिंग पेशेवर, डिलीवरी ड्राइवर और स्टोर मैनेजर शामिल हैं। दिलचस्प यह है कि नियोक्ता अस्थायी कर्मचारियों से ज्यादा की तलाश में हैं। लगभग आधे नियोक्ताओं ने कहा, कर्मचारियों में नेतृत्व और प्रबंधकीय क्षमताएं सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। 29 फीसदी को टीम वर्क महत्वपूर्ण है। 13 फीसदी डिजिटल साक्षरता को प्रमुख मानते हैं।

समय पर डिलीवरी करना है लक्ष्य
फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसे प्लेटफॉर्म पर ज्यादा रोजगार मिलने की उम्मीद है। यहां दिहाड़ी लोगों की जरूरत है। इन प्लेटफॉर्मों ने पहले से ही भर्तियां शुरू कर दी हैं। नवरात्र शुरू होते ही ऑर्डर में तेज वृद्धि होने लगी है। ये नियुक्तियाँ गोदामों, डिलीवरी संचालन, टीम नेतृत्व और ग्राहक अनुभव कार्यों में की जा रही हैं। इन भर्तियों का उद्देश्य त्योहारों के मौसम में देश भर में समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना है। दूसरे और तीसरे स्तर के शहरों में ज्यादा जोर दिया जा रहा है। यहां त्योहारों में अच्छी मांग की उम्मीद है।