उज्जैन : चक्रतीर्थ शमशान से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां कुछ युवकों ने चक्रतीर्थ कार्यालय से बिना डेड बॉडी के ही लकड़ी, कंडे व अन्य सामान ले लिया और नाम पता लिखवा कर शमशान से रसीद बनवा ली. इस फर्जी अंतिम संस्कार की रसीद लेकर कुछ ही देर में युवक फरार हो गए. जब काफी देर तक मृतक का शव शमशान नहीं पहुंचा तो शमशान प्रबंधन को शक हुआ और पूरा मामला थाना जीवाजीगंज पहुंचा.
बिना डेड बॉडी, करवाए लकड़ी कंडे बुक
चक्रतीर्थ कार्यालय में घटना के वक्त तरुण कुमार खत्री ड्यूटी पर थे. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, '' मंगलवार को चार युवक कार्यालय पर आए और मृतक का नाम लालचंद बताते हुए उन्होंने लकड़ी, कंडे व अन्य सामान अंतिम संस्कार का बुक करवाया. मृतक के परिजन बन कर आए युवकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जो रसीद चक्रतीर्थ शमशान पर बनाई गई उसमें किसी लालचंद नाम के व्यक्ति का उल्लेख है. रसीद बना कर युवकों को दे दी गई. जब शव नहीं दिखा तो उनसे पूछा गया कि डेड बॉडी कहां है? जिस पर युवकों ने कहा कि कुछ ही देर में आ रही है.''
तरुण कुमार ने आगे कहा, '' इसके कुछ ही देर बाद सभी युवक फरार हो गए. डेड बॉडी देर शाम तक आई ही नहीं तो युवकों पर शंका हुई, तब चक्रतीर्थ अध्यक्ष के माध्यम से शिकायत थाना जीवाजीगंज में दर्ज करवाई है.''
प्रॉपर्टी से संबंधित हो सकता है मामला
इस घटना के बाद से ही क्षेत्र में तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. चर्चा है कि अज्ञात युवकों ने प्रॉपर्टी के चक्कर में पिता की मौत के बाद दोबारा से रसीद बनवाई होगी. क्योंकि अक्सर मृत्य प्रमाण पत्र की जरूरत बैंक, अनुकंपा नियुक्ति नौकरी और बीमा क्लेम के लिए होती है. इसी चक्कर में युवकों ने ऐसा कृत्य किया होगा. हालांकि, पुलिस ने अबतक इस बात की पुष्टि नहीं की है.
आसानी से मिल जाती है शमशान की रसीद
चक्र तीर्थ प्रबंधन के अध्यक्ष अशोक प्रजापत ने इस मामले पर कहा, '' किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार पर चक्रतीर्थ से जो रसीद दी जाती है, अगर वह गुम हो जाए तो परिजन शपथ पत्र और पहचान पत्र के आधार पर रसीद को दौबारा बनवा सकते हैं. इसके लिए किसी भी तरह की जालसाजी और षड्यंत्र रचने की जरूरत नहीं हैं.''

 
			 
			 
			 
			