व्यापार: अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों से अर्थव्यवस्था में दो लाख करोड़ रुपये आएंगे। इससे लोगों के हाथ में अधिक नकदी होगी, जो अब तक करों के रूप में चली जाती थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह बात कही।
12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत आने वाले 99 फीसदी वस्तु 5% वाले स्लैब में आए
वित्त मंत्री ने बुधवार को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों पर आउटरीच और इंटरेक्शन कार्यक्रम को संबोधित किया। सीतारमण ने कहा कि इन सुधारों के बाद 12 प्रतिशत जीएसटी स्लैब के तहत 99 प्रतिशत वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत हो गई है। वहीं, 28 प्रतिशत कर स्लैब के तहत 90 प्रतिशत वस्तुएं 18 प्रतिशत के स्लैब में आ गई हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ एफएमसीजी दिग्गज कंपनियों सहित कई कंपनियां 22 सितंबर से पहले ही दरों में कटौती करने और उपभोक्ताओं को उसका लाभ देने के लिए स्वेच्छा से आगे आ रही हैं। 22 सितंबर को नई जीएसटी व्यवस्था लागू होने वाली है।
जीएसटी सुधार लागू होने के बाद अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे
उन्होंने कहा, "इस नई पीढ़ी की कर व्यवस्था में केवल दो स्लैब (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) हैं, से अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ रुपये आएंगे। लोगों के हाथ में नकदी होगी।" उन्होंने कहा कि दरों में फेरबदल करने से पहले एनडीए सरकार ने पांच पहलुओं पर ध्यान रखा। ये पांच पहलू हैं गरीब और मध्यम वर्ग के लिए दरों में कमी, मध्यम वर्ग की आकांक्षाओं को पूरा करना, किसान समुदाय को लाभ पहुंचाना, एमएसएमई को बढ़ावा देना और ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान देना जो देश में रोजगार सृजन और निर्यात क्षमता में उपयोगी हों।
जीएसटी परिषद आजादी के बाद गठित एकमात्र संवैधानिक निकाय
मंत्री ने बताया कि जीएसटी राजस्व 2018 (वित्त वर्ष 2017-18) में 7.19 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपये हो गया। सीतारमण के अनुसार, करदाताओं की संख्या पहले के 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई। सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद सहकारी संघवाद का एक प्रमुख उदाहरण है। यह आजादी के बाद से गठित एकमात्र संवैधानिक निकाय है। पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने पहले की कर संरचनाओं को "कर आतंकवाद" बताया और कहा कि एक राष्ट्र-एक कर के हिस्से के रूप में जीएसटी के कार्यान्वयन में बहुत अधिक कवायद की गई।
वित्त मंत्री बोलीं- यूपीए सरकार 10 साल चली पर वे जीएसटी नहीं ला सके
उन्होंने कहा, "यूपीए सरकार 10 साल तक चली। आप जीएसटी नहीं ला सके। आप राज्यों को जीएसटी के बारे में समझा नहीं सके… मैं कठोर राजनीतिक जवाब दे सकती थी। लेकिन आज नहीं।" प्रतिबंधित जीएसटी दर स्लैब 22 सितंबर से लागू होंगे। जीएसटी परिषद ने दर स्लैब को चार (5, 12, 18 और 28) से घटाकर केवल दो (5 और 18 प्रतिशत) कर दिया है।