लंदन । पूर्व टेनिस स्टार मोनिका सेलेस पिछले तीन वर्षों से मायस्थेनिया ग्रेविस नामक रेयर ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रही हैं। पहली बार यह खुलासा 9 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता मोनिका सेलेस ने स्वयं किया है। मोनिका ने बताया कि जब डॉक्टरों ने इस बीमारी के बारे में बताया तो वे चौंक गईं, क्योंकि उन्होंने पहले कभी इसका नाम तक नहीं सुना था। एक इंटरव्यू में मोनिका ने कहा कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में डबल विजन और हाथ-पैरों में कमजोरी शामिल थी। कई बार परिवार या बच्चों के साथ खेलते समय उन्हें गेंद मिस हो जाती थी, क्योंकि आंखों के सामने दो-दो गेंदें दिखने लगती थीं। धीरे-धीरे यह समस्या उनकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करने लगी और साधारण काम भी चुनौतीपूर्ण हो गए। मोनिका ने अपनी बीमारी को लेकर कहा कि जैसे टेनिस में हर बॉल का बाउंस अलग होता है और हमें उसके हिसाब से खेलना पड़ता है, वैसे ही जिंदगी में भी बदलावों को अपनाना जरूरी है।
मुश्किलों को हार मानने का कारण न बनाकर, उन्हें जिंदगी को रीसेट करने का अवसर मानना चाहिए। उन्होंने इस दौरान सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। विशेषज्ञों के मुताबिक मायस्थेनिया ग्रेविस एक दुर्लभ ऑटोइम्यून रोग है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से मांसपेशियों और नर्व के बीच सिग्नल को बाधित कर देता है। इससे मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं और जल्दी थकान महसूस होती है। यह बीमारी खासकर आंखों की पलकें, हाथ-पैर, गले और सांस लेने वाली मांसपेशियों को प्रभावित करती है। इसके आम लक्षणों में डबल विजन, पलकें गिरना, बोलने या निगलने में कठिनाई, हाथ-पैरों में कमजोरी और सामान्य से ज्यादा जल्दी थक जाना शामिल है।
आराम करने पर लक्षण अस्थायी रूप से कम हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ फिर लौट आते हैं। हालांकि इस बीमारी का स्थायी इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन दवाओं और उचित जीवनशैली से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। कुछ मामलों में यह थाइमस ग्रंथि की असामान्य वृद्धि या ट्यूमर के कारण भी हो सकती है, पर इसका सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। यह किसी भी उम्र में हो सकती है और इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता।
मायस्थेनिया ग्रेविस से लड रहीं पूर्व टेनिस स्टार मोनिका
