नई दिल्ली: क्रिकेट की दुनिया में रिकॉर्ड बनना और टूटना आम बात है, लेकिन कुछ ऐसे आंकड़े हैं जो आज भी अटूट कहलाते हैं। भारतीय क्रिकेट फैंस अक्सर इन रिकॉर्ड्स पर चर्चा करते हैं कि इनमें से कौन सा रिकॉर्ड कभी नहीं टूटेगा। आज हम बात करेंगे उन चार कीर्तिमानों की, जिन्होंने क्रिकेट इतिहास में खुद को अमर कर लिया। डॉन ब्रैडमैन का टेस्ट औसत, क्रिस गेल की तूफानी पारी, रोहित शर्मा की डबल सेंचुरी और सुनील नरेन का 'सुपर ओवर मेडन'।
डॉन ब्रैडमैन का 99.94 का औसत: परफेक्शन की परिभाषा
ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट में 99.94 की औसत से 52 मैचों में 6,996 रन बनाए। यह आंकड़ा आज भी किसी बल्लेबाज के लिए सपना है। आधुनिक युग में 50 की औसत को भी शानदार माना जाता है, ऐसे में ब्रैडमैन का लगभग 'सदी के बराबर औसत' अकल्पनीय है। अगर वे अंतिम पारी में केवल चार रन बना लेते, तो उनका औसत 100 होता, लेकिन किस्मत ने उन्हें परफेक्टली इम्परफेक्ट बना दिया।
क्रिस गेल के 175 रन: टी20 इतिहास की सबसे धमाकेदार पारी
साल 2013 में क्रिस गेल ने आईपीएल में पुणे वॉरियर्स इंडिया के खिलाफ सिर्फ 66 गेंदों पर 175* रन ठोक दिए थे। इस पारी में 13 चौके और 17 छक्के शामिल थे। यह रिकॉर्ड आज भी दुनिया के हर टी20 लीग में कायम है। गेल की इस पारी ने साबित किया कि जब यूनिवर्स बॉस फॉर्म में हों, तो गेंदबाज सिर्फ देख सकते हैं। टी20 में 175 रन का आंकड़ा पार करना लगभग नामुमकिन लगता है।
रोहित शर्मा के 264 रन: वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी पारी
कोलकाता के ईडन गार्डन्स में रोहित शर्मा ने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंदों पर 264 रन ठोके थे। यह अब तक किसी भी वनडे में किसी बल्लेबाज का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर है। इस पारी में 33 चौके और नौ छक्के शामिल थे। वनडे क्रिकेट में डबल सेंचुरी अब सामान्य लगती है, लेकिन 264 जैसे आंकड़े तक पहुंचना शायद ही कोई बल्लेबाज दोहरा पाए।
सुनील नरेन का सुपर ओवर मेडन: असंभव सा करिश्मा
वेस्टइंडीज के सुनील नरेन ने 2014 में कैरेबियन प्रीमियर लीग में एक ऐसा कारनामा किया जो लगभग असंभव है। सुपर ओवर में बिना रन दिए छह गेंदें डालीं। यह क्रिकेट इतिहास का इकलौता सुपर ओवर मेडन है। इतने दबाव वाले ओवर में रन न देना किसी चमत्कार से कम नहीं। यह रिकॉर्ड शायद हमेशा नरेन के नाम रहेगा।
ये चार रिकॉर्ड रहेंगे क्रिकेट के स्वर्ण अक्षरों में
ब्रैडमैन की निरंतरता, गेल का विस्फोटक अंदाज, रोहित की क्लास और नरेन की जादुई गेंदबाजी, चारों रिकॉर्ड्स अपने-अपने फॉर्मेट की चोटी हैं। आने वाले दशकों में क्रिकेट बदलेगा, तकनीक बढ़ेगी, लेकिन इन चार कारनामों को पार करना किसी के बस की बात नहीं लगती।
