विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस सप्ताह भारतीय बाजरों में शुद्ध खरीदार बने रहे। उन्होंने 7 जुलाई से 11 जुलाई के दौरान कुल 5,260 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) ने यह जानकारी दी।
मंगलावर को बाजार में डाले 2,771 करोड़ रुपये
आंकड़ों से पता चला है कि एफपीआई सप्ताह के सभी कारोबारी दिनों में शुद्ध खरीदार रहे। यह भारतीय बाजारों के प्रति सकारात्मक निवेशक रुझान का संकेत है। सबसे ज्यादा शुद्ध निवेश मंगलवार को दर्ज किया गया। एफपीआई ने मंगलावर को भारतीय बाजारों में 2,771 करोड़ रुपये डाले।
जुलाई का शुद्ध निवेश 3,839 करोड़ रुपये पहुंचा
इस हफ्ते के निवेश के साथ, जुलाई महीने में इक्विटी सेगमेंट में विदेशी निवेशकों का कुल शुद्ध निवेश 3,839 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह पिछले हफ्ते की तुलना में सुधार दर्शाता है।
इन कारणों से पड़ेगा नकारात्मक असर
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वेल्थ मैनेजमेंट के शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने बताया कि आगामी सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशक गतिविधियां धीमी रहने की उम्मीद है। अमेरिकी व्यापार वार्ता को लेकर जारी अनिश्चितता के कारण बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अधिकांश व्यापार साझेदारों पर 15 प्रतिशत या 20 प्रतिशत का व्यापक टैरिफ लगाने की योजना से सतर्कता बढ़ गई है।
निवेशकों की है इन पर नजर
खेमका ने कहा कि निवेशक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) और थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति के आंकड़ों सहित प्रमुख घरेलू वृहद आर्थिक संकेतकों पर बारीकी से नजर रखेंगे। इसके अलावा, बाजार सहभागी पहली तिमाही की आय और भारत-अमेरिका व्यापार समझौते से संबंधित किसी भी अपडेट पर नजर रखेंगे।
मई रहा अब तक का सबसे बेहतरीन महीना
पिछले महीने जून में, एफपीआई ने भारतीय इक्विटी सेगमेंट में 14,590 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। मई में, विदेशी निवेशकों ने 19,860 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे यह एफपीआई प्रवाह के मामले में साल का अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला महीना बन गया। हालांकि, इस साल की शुरुआत में, एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से बड़ी मात्रा में निकासी की थी। उन्होंने मार्च में 3,973 करोड़ रुपये, जबकि जनवरी और फरवरी में क्रमशः 78,027 करोड़ रुपये और 34,574 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।