नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज यानी रविवार को मन की बात (‘Mann Ki Baat’) कार्यक्रम के 129वें एपिसोड में देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इस साल सेना का शौर्य बना ऑपरेशन सिंदूर, स्वतंत्रता सेनानी (freedom fighter) पार्वती गिरि (Parvati Giri), एंटीबायोटिक दवाओं, कश्मीर के बारामूला में मिले बौद्ध स्तूपों के अवशेष और देश में युवा की भागेदारी समेत कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। पीएम मोदी ने कहा कि कुछ ही दिनों में साल 2026 दस्तक देने वाला है और इस दौरान पूरे एक साल की यादें मन में घूम रही हैं। 2025 ने ऐसे कई पल दिए, जिस पर हर भारतीय को गर्व हुआ। भारत ने हर जगह अपनी मजबूत छाप छोड़ी।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमारे देश की सबसे खूबसूरत बात ये है कि सालभर हर समय देश के किसी-ना-किसी हिस्से में उत्सव का माहौल रहता है | अलग-अलग पर्व-त्योहार तो हैं ही, साथ ही विभिन्न राज्यों के स्थानीय उत्सव भी आयोजित होते रहते हैं। यानि, अगर आप घूमने का मन बनाएं, तो हर समय, देश का कोई-ना-कोई कोना अपने उत्सव के साथ तैयार मिलेगा।
स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरि को किया याद
पीएम मोदी ने इस दौरान स्वतंत्रता सेनानी पार्वती गिरी को याद किया। उन्होंने कहा कि अगले महीने हम देश का 77वां गणतंत्र दिवस मनाएंगे। जब भी ऐसे अवसर आते हैं, तो हमारा मन स्वतंत्रता सेनानियों और संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता के भाव से भर जाता है | हमारे देश ने आजादी पाने के लिए लंबा संघर्ष किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के आंदोलन में देश के हर हिस्से के लोगों ने अपना योगदान दिया है | लेकिन, दुर्भाग्य से आजादी के अनेकों नायक-नायिकाओं को वो सम्मान नहीं मिला, जो उन्हें मिलना चाहिए था।
पीएम मोदी ने पार्वती गिरि को याद करते हुए कहा कि ऐसी ही एक स्वतंत्रता सेनानी हैं ओडिशा की पार्वती गिरि जी। जनवरी 2026 में उनकी जन्म-शताब्दी मनाई जाएगी | उन्होंने 16 वर्ष की आयु में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में हिस्सा लिया था। साथियो, आजादी के आंदोलन के बाद पार्वती गिरि जी ने अपना जीवन समाज सेवा और जनजातीय कल्याण को समर्पित कर दिया था। उन्होंने कई अनाथालयों की स्थापना की। उनका प्रेरक जीवन हर पीढ़ी का मार्गदर्शन करता रहेगा।
एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन को लेकर क्या बोले पीएम मोदी
मन की बात के इस साल के आखिरी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन को लेकर अहम बातें की। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) ने हाल ही में एक जारी रिपोर्ट जारी की है | इसमें बताया गया है कि निमोनिया और यूटीआई जैसी कई बीमारियों के खिलाफ एंटीबायोटिक दवाएं कमजोर साबित हो रही हैं। हम सभी के लिए यह बहुत ही चिंताजनक है।
इस दौरान रिपोर्ट का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक इसका एक बड़ा कारण लोगों द्वारा बिना सोचे-समझे एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन है । एंटीबायोटिक ऐसी दवाएं नहीं हैं, जिन्हें यूं ही ले लिया जाए। इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए | आजकल लोग ये मानने लगे हैं कि बस एक गोली ले लो, हर तकलीफ दूर हो जाएगी | यही वजह है कि बीमारियाँ और संक्रमण इन एंटीबायोटिक दवाओं पर भारी पड़ रहे।
ऑपरेशन सिंदूर को बताया गर्व का प्रतीक
पीएम मोदी ने कहा कि इस साल ऑपरेशन सिंदूर हर भारतीय के लिए गर्व का प्रतीक बन गया। दुनिया ने देखा आज का भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करता। लोगों ने अपने-अपने तरीके से अपने भाव व्यक्त किए। वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर भी यही जज्बा देखने को मिला।
भारत की उम्मीदों की वजह युवा शक्ति- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने देश में युवाओं की भागेदारी पर बातचीत करते हुए कहा कि आज दुनिया भारत को नई आशा के साथ देख रही है और भारत की उम्मीदों की वजह इसकी युवा शक्ति, विज्ञान और तकनीक में हमारी उपलब्धि। भारत के युवाओं में कुछ नया करने का जुनून है और वे उतने ही जागरूक भी है।
उन्होंने कहा कि युवा मुझसे पूछते हैं कि वे कैसे देश के विकास में कैसे योगदान दे सकते हैं। हमारे युवा साथियों की जिज्ञासा का समाधान यंग लीडर डायलॉग है। पिछले दिनों उसका पहला संस्करण हुआ था और अब जल्द ही उसका दूसरा संस्करण आएगा। मैं भी इसमें जरूर शामिल होऊंगा। पीएम मोदी ने कहा कि इसमें हमारे युवा इनोवेशन, फिटनेस, कृषि जैसे अहम विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे। मुझे ये देखकर अच्छा लगा, इसमें युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। कुछ दिन पहले एक क्विज प्रतियोगिता में लाखों युवा शामिल हुए।
‘काशी तमिल संगमम’ को लेकर भी बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल वाराणसी में हुए ‘काशी तमिल संगमम’ में तमिल भाषा सीखने को लेकर बात कही। उन्होंने कहा कि ‘तमिल सीखें- तमिल करकलम’ थीम के तहत वाराणसी की 50 से ज्यादा स्कूलों में विशेष अभियान चलाए गए। पीएम मोदी ने कहा कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। वे यह देखकर खुश हैं कि आज देश के अन्य हिस्सों में भी युवाओं और बच्चों में तमिल भाषा को लेकर नया आकर्षण दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि यही भाषा की शक्ति है। यही भारत की एकता है।
