गायकवाड़ के धमाकेदार शतक से पश्चिम क्षेत्र मज़बूत, दक्षिण क्षेत्र ने भी कसा मोर्चा

नई दिल्ली: दलीप ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले खेले जा रहे हैं। पहले मैच में साउथ जोन का सामना नॉर्थ जोन से हो रहा है, जिसमें दिन का खेल समाप्त होने तक साउथ जोन ने तीन विकेट पर 297 रन बना लिए। वहीं, दूसरे सेमीफाइनल मैच में वेस्ट जोन ने सेंट्रल जोन के खिलाफ स्टंप्स तक छह विकेट पर 363 बनाए हैं। 

साउथ जोन बनाम नॉर्थ जोन (पहला सेमीफाइनल-पहला दिन)
तनमय अग्रवाल और नारायन जगदीशन के बीच पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई, जिसे निशांत सिंधू ने तोड़ा। उन्होंने तनमय अग्रवाल को अपना शिकार बनाया। वह 99 गेंदों में 43 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज जगदीशन को देवदत्त पडिक्कल का साथ मिला। दोनों के बीच 128 रन की साझेदारी हुई। साउथ जोन को दूसरा झटका 231 के स्कोर पर लगा। अंशुल कंबोज ने पडिक्कल को वाधवान के हाथों कैच आउट कराया। वह 71 गेंदों में 57 रन बनाकर पवेलियन लौटे। इस दौरान जगदीशन ने अपना शतक पूरा किया। वह 260 गेंदों में 148 रन बनाकर क्रीज पर डटे हैं। उनका साथ देने के लिए कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन 11 रन बनाकर मौजूद हैं। नॉर्थ जोन के लिए निशांत सिंधू ने दो और अंशुल कंबोज ने एक विकेट झटका। 

वेस्ट जोन बनाम सेंट्रल जोन (दूसरा सेमीफाइनल-पहला दिन)
ऋतुराज गायकवाड़ ने यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर की नाकामी की भरपाई करते हुए 184 रन की शानदार पारी खेली जिससे वेस्ट जोन ने गुरुवार को दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल के पहले दिन सेंट्रल जोन के खिलाफ छह विकेट पर 363 रन बनाकर वापसी की। दिन का खेल खत्म होने पर तनुश कोटियान (नाबाद 65) और शारदुल ठाकुर (नाबाद 24) बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस 'बी' मैदान पर क्रीज पर डटे थे। दिन के स्टार गायकवाड़ रहे जिन्होंने पिछले महीने बुची बाबू टूर्नामेंट में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए 133 रन की पारी खेलने के बाद लगातार दूसरा शतक जड़ा। उन्होंने अपनी पारी में 206 गेंद का सामना किया।

गायकवाड़ मध्यक्रम में तब बल्लेबाजी के लिए आए जब पश्चिम क्षेत्र की टीम जायसवाल (04 रन) और हार्विक देसाई (01) के विकेट गंवाने के बाद दो विकेट पर 10 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी। जायसवाल को तेज गेंदबाज खलील अहमद ने आउट किया जबकि हार्विक ने दीपक चाहर की गेंद पर पहली स्लिप में यश राठौड़ को आसान कैच थमा दिया। गायकवाड़ ने इसके बाद आर्य देसाई के साथ तीसरे विकेट के लिए 90 रन की उपयोगी साझेदारी की और वेस्ट जोन की टीम को वापसी दिलाने की कोशिश की। गायकवाड़ ने अर्धशतक 85 गेंद में पूरा किया लेकिन दोपहर के सत्र में उन्होंने 131 गेंद में 100 रन पूरे किए और इस तरह दूसरा अर्धशतक केवल 51 गेंद में पूरा हुआ। गायकवाड़ ने सेंट्रल जोन के बाएं हाथ के स्पिनर हर्ष दुबे और ऑफ स्पिनर सारांश जैन के खिलाफ आसानी से रन बटोरे। उन्होंने लेट कट और स्क्वायर कट का बेहतरीन इस्तेमाल किया और इन क्षेत्र में 15 चौके सहित लगभग 100 रन बनाए। इससे स्पिनरों को सीधी लाइन अपनाने पर मजबूर होना पड़ा और धीमी पिच पर महाराष्ट्र के बल्लेबाजों एक या दो रन लेने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई।

वेस्ट जोन की टीम इसके बार फिर मुश्किल में घिर गई जब उन्होंने आर्य (39), श्रेयस (25) और शम्स मुलानी (18) के विकेट जल्दी-जल्दी गंवा दिए जिससे टीम का स्कोर पांच विकेट पर 179 रन हो गया। अय्यर को पहली ही गेंद पर जीवनदान मिला जब हर्ष दुबे की गेंद पर खलील ने डीप में कैच छोड़ दिया। वह अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन खलील की गेंद पर लेट कट खेलने की कोशिश में बोल्ड हो गए। गायकवाड़ को इसके बाद कोटियान के रूप में उम्दा जोड़ीदार मिला। दोनों ने छठे विकेट के लिए 148 रन की साझेदारी की जिससे मध्य क्षेत्र की टीम बैकफुट पर आ गई। गायकवाड़ हालांकि जब अपने पहले प्रथम श्रेणी दोहरे शतक की ओर बढ़ रहे थे तो स्पिनर जैन की गेंद पर चमका खाकर विकेटकीपर उपेंद्र यादव के हाथों स्टंप हो गए। कोटियान ने इसके बाद कप्तान शार्दुल के साथ मिलकर टीम को और झटके नहीं लगने दिए।