चाट-टिक्की की आड़ में चल रहा था गांजा तस्करी का धंधा, लखनऊ पुलिस ने किया पर्दाफाश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मादक पदार्थो को बेचने का मामला बढ़ता जा रहा है। गांजा तस्कर राजधानी के इलाकों में तेजी से पैर पसार रहे हैं। आलम ये है कि पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए इस धंधे से जुड़े आरोपी भी हाईटेक हो गए हैं। आरोपी कहीं टिक्की-चाट के ठेले की आड़ में, तो कहीं बस स्टैंड जैसे सार्वजनिक स्थानों पर राहगीर बनकर गांजा की पुड़िया बेचने का काम हो रहे हैं।

पुलिस ने दो अलग–अलग थाना क्षेत्रों से कुल चार आरोपियों को पकड़ा है। नगराम क्षेत्र में तीन और मोहनलालगंज क्षेत्र से एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है। दरअसल नगराम पुलिस चोरी और मादक पदार्थों के बेचने की रोकथाम के लिए अभियान चला रही थी। इसी दौरान मुखबिर की सूचना पर एक ई-रिक्शा पर सवार तीन लोगों को समेसी बाजार से करोरा बाजार जाने वाले मार्ग पर माइनर नहर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। इन्हें 12 अगस्त को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से 4.700 किलोग्राम अवैध गांजा बरामद किया।

चौंकाने वाले खुलासे

नगराम पुलिस की जांच में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी 20-20 ग्राम की पुड़िया स्कूल बैग में रखकर बस स्टैंड समेत सार्वजनिक स्थानों पर घूमते थे। ये जरूरत के हिसाब से पुड़िया बेचते थे। किसी को 600 रुपये में तो किसी को 800 रुपये, 1000 रुपये और 1200 रुपये में बेचते थे। पुलिस के मुताबिक, आरोपी गुमटी वाले, अंडे के ठेले लगाने वालों के सीधे संपर्क में थे और जरूरत पड़ने पर ये लोग एक-दूसरे से संपर्क करते थे। अगर किसी गुमटी वाले या अंडे के ठेले वाले के माध्यम से गांजा बिकता था तो उसके लिए ये ठेले वालो को कमीशन भी देते थे।

जांच में आया सामने

पुलिस की जांच में सामने आया कि ये सभी बहुत शातिर थे। सभी व्हाट्सएप कॉल के जरिये एक दूसरे से बात करते थे। ताकि इन्हें ट्रेस ना किया जा सके। पुलिस की जांच में आरोपियों के मोबाइल से फोन से कई संदिग्ध नंबर मिले हैं। पुलिस उन नंबरो को ट्रेस कर इस घंधे मे शामिल अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है। पुलिस की माने तो ये आरोपी धीरे-धीरे क्षेत्र में पैर जमाना चाहते थे। लेकिन उससे पहले ही धर दबोचे गए हैं।

आरोपियों की पहचान

नगराम क्षेत्र से गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान सरोजनीनगर निवासी 26 वर्षीय मनीष यादव, पारा निवासी 28 वर्षीय देव रावत उर्फ देवेश रावत उर्फ चोचक और नगराम निवासी 43 वर्षीय जगदीप यादव उर्फ बबलू यादव के रूप में हुई है। इन आरोपियों का लंबा चौड़ा आपराधिक इतिहास है। मनीष यादव के खिलाफ 3 मुकदमे, देव रावत उर्फ देवेश रावत के खिलाफ 11 मुकदमे और जगदीप यादव के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज है। तीनों के खिलाफ धारा 8/20 NDPS एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।

दूसरी बड़ी कार्रवाई

इसी तरह दूसरी बड़ी कार्रवाई मोहनलालगंज थाना पुलिस ने की। 12 अगस्त की रात खुजौली के पास संदिग्ध व्यक्ति और वाहन की चेकिंग के दौरान मुखबिर की सूचना पर एक व्यक्ति को दबोचा लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम प्रमोद साहू (42) पुत्र राम सुचित साहू, निवासी ग्राम बरकत नगर, थाना गोसाईगंज बताया। जामा तलाशी के दौरान आरोपी के झोले से 1.200 किलोग्राम अवैध गांजा बरामद हुआ है।

रेकी के दौरान हुआ खुलासा

मोहनलालगंज पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी प्रमोद साहू चाट-पकौड़े का ठेला लगाता है। पुलिस को पता चला था कि उसी की आड़ में प्रमोद मादक पदार्थ भी बेचता था। रेकी के दौरान इसका खुलासा हो गया था। पुलिस के मुताबिक, इसी दौरान आरोपी जब गांजा की सप्लाई करने जा रहा था तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी दिखावे के लिए ठेला लगाता था लेकिन उसका मुख्य काम गांजे की पुड़िया बेचना ही था। पुलिस की माने तो आरोपी ठेला लगाकर 500-700 रुपये कमाता है। लेकिन इस घंधे से कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है। यही वजह है कि लोग इस धंधे में शामिल हो रहे हैं। फिलहाल पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।