गयाजी की बेटी दीपशिखा को मिला लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस में विशेष अतिथि बनने का मौका

गया: कल पूरे देश में 79वां स्वतंत्रता दिवस बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाएगा. इसी बीच बिहार के गयाजी की दीपशिखा को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. इस आमंत्रण के बाद दीपशिखा के गांव लक्खीबाग मानपुर कॉलोनी में खुशी का माहौल है.

100 लोगों का हुआ चयन: पीएम युवा लेखक योजना के तहत चयनित 100 लोगों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है. जिसमें से एक गया जी की रहने वाली दीपशिखा हैं.

PM युवा लेखक योजना के तहत बुलावा: बता दें कि दीपशिखा की पुस्तक 'भारतीय लोकतंत्र में आधी आबादी' को प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना के तहत चयनित किया गया था. उनकी ये पुस्तक महिलाओं पर केन्द्रित है. इसी साल फरवरी में दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड बुक फेयर में दीपशिखा की चयनित पुस्तक का विमोचन शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा किया गया था.

 

आमंत्रित मिलने पर परिजनों में खुशी: दीपशिखा के पिता एक निजी संस्था में कार्यरत हैं. अपनी बेटी की उपलब्धि पर माता-पिता ने खुशी व्यक्त की है और इसे गौरव का पल बताया है. मां वंदना शर्मा दया प्रकाश सरस्वती विद्या मंदिर गयाजी में शिक्षिका हैं.

''हमारे जीवन का यह महत्वपूर्ण और गौरव वाला क्षण है, क्योंकि हमारी बेटी को राष्ट्रपति भवन में स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है''. -वंदना शर्मा, दीपशिखा की मां

पत्रकारिता में दीपशिखा ने की है पढ़ाई: दीपशिखा को प्रधानमंत्री युवा लेखक मार्गदर्शन योजना के तहत 3 लाख की राष्ट्रीय छात्रवृत्ति भी प्रदान की गई थी. दीपशिखा की प्रारंभिक शिक्षा गया शहर में हुई थी. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद कॉलेज दिल्ली से उन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने आकाशवाणी और दूरदर्शन के साथ बतौर स्वतंत्र कलाकार के तौर पर काम किया.

''भारतीय लोकतंत्र में आधी आबादी पुस्तक लिखी थी. इस पुस्तक में काफी कुछ बातें थी, जो अहम थी. महिलाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर हमेशा से रुचि रही है. मुझे अब राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बुलावा आया है, जो सिर्फ मेरे लिए ही नहीं, बल्कि पूरे गयाजी और बिहार के लिए सम्मान और गौरव का विषय है. दीपशिखा