व्यापार: फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति के फैसले से पहले सोने में चौथे दिन भी गिरावट जारी रही। निवेशकों के सतर्क रुख के कारण बुधवार को सोना वायदा भाव 176 रुपये गिरकर 1,19,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया।
एमसीएक्स पर सोने की कीमत लगातार चौथे दिन गिरी
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में दिसंबर डिलीवरी वाले सोना वायदा की कीमत लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरी। इसकी कीमत 176 रुपये या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,19,470 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। इसमें 13,116 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
वैश्विक स्तर पर, दिसंबर डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा 15.9 डॉलर या 0.4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 3,967.2 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था, जो लगातार चौथे दिन गिरावट का संकेत है।
चांदी की कीमत में हुई 451 रुपये की वृद्धि
हालांकि, चांदी वायदा में मूल्य खरीद के कारण तेजी आई। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का भाव 451 रुपये या 0.31 प्रतिशत बढ़कर 1,44,793 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया। इसमें 20,331 लॉट के लिए कारोबार हुआ। कॉमेक्स पर दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी वायदा भाव 0.32 प्रतिशत बढ़कर 47.47 डॉलर प्रति औंस हो गया।
निवेशक फेड अध्यक्ष की टिप्पणी पर रख रहे नजर
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा कि बुधवार को सोने की कीमतें 3,970 डॉलर प्रति औंस के आसपास रहीं, क्योंकि ध्यान फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा बाद में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद पर था।
बाजार को है ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद
उन्होंने कहा कि व्यापारी मौद्रिक नीति के भविष्य के बारे में फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल से मिलने वाले संकेतों पर भी नजर रख रहे हैं, क्योंकि बाजार पहले ही दिसंबर में ब्याज दरों में एक और कटौती की उम्मीद कर रहा है। त्रिवेदी ने कहा कि निवेशक संभावित अमेरिकी-चीन व्यापार सफलता की प्रगति पर नजर रख रहे हैं। इससे सुरक्षित निवेश की मांग और कम हो सकती है।
चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता पर निवेशकों की नजर
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा एक रूपरेखा समझौते को अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य अमेरिकी टैरिफ वृद्धि को रोकना व रेयर अर्थ एलिमेंट्स निर्यात पर चीन के प्रतिबंधों में ढील देना है।
कमजोरी के बावजूद, जिगर त्रिवेदी ने कहा कि कीमती धातु तीसरे मासिक लाभ के लिए ट्रैक पर है और इस वर्ष लगभग 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसे आर्थिक और भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं, मजबूत केंद्रीय बैंक खरीद और मुद्रा अवमूल्यन पर चिंताओं का समर्थन प्राप्त है।
