सरकार की आमदनी में बढ़ोतरी, अक्टूबर में जीएसटी संग्रह 4.6% बढ़कर 1.95 लाख करोड़ पर पहुंचा

व्यापार: जीएसटी संग्रह में सालाना आधार पर 4.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल अक्तूबर में कुल जीएसटी संग्रह करीब 1.95 लाख करोड़ रुपये रहा। वहीं पिछले साल इसी महीने यह 1.87 लाख करोड़ रुपये था।

उपकर संग्रह में आई गिरावट 
आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर महीने में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी), राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) और एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) सभी में वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि उपकर (सेस) संग्रह में गिरावट आई है।

सात महीनों में नौ प्रतिशत की हुई वृद्धि
वित्त वर्ष 2025-26 के पहले सात महीनों (अप्रैल-अक्तूबर) में कुल जीएसटी संग्रह में 9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। यह 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे अधिक है। 

वित्त वर्ष 2025 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड सकल संग्रह
भारत की जीएसटी प्रणाली ने 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड सकल संग्रह के साथ एक प्रमुख उपलब्धि हासिल की है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। औसत मासिक जीएसटी संग्रह 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से सबसे अधिक है।

जीएसटी राजस्व में हुई 0.2 प्रतिशत की वृद्धि
सकल घरेलू राजस्व, जो स्थानीय बिक्री का संकेत है, अक्तूबर में 2 प्रतिशत बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये हो गया, जबकि आयात कर लगभग 13 प्रतिशत बढ़कर 50,884 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि, जीएसटी रिफंड भी साल-दर-साल 39.6 प्रतिशत बढ़कर 26,934 करोड़ रुपये हो गया। वहीं शुद्ध जीएसटी राजस्व 1.69 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 0.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।

कुछ वर्षों में जीएसटी संग्रह में हुई लगातार वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है, जो 2020-21 में 11.37 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 20.18 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो मजबूत आर्थिक गतिविधि और बेहतर अनुपालन को दर्शाता है। हालिया जीएसटी संग्रह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक दिशा को दर्शाता है।

जीएसटी नीति का मार्गदर्शन करने के लिए संविधान के तहत गठित जीएसटी परिषद ने इस प्रणाली को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री और अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल होते हैं। 2016 में अपने गठन के बाद से परिषद ने 55 बैठकें की हैं, जिनमें जीएसटी प्रणाली को सरल और अधिक व्यापार-अनुकूल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।