गोयल के संकेत: नवंबर तक फाइनल होगा भारत-अमेरिका व्यापार समझौते का पहला फेज

व्यापार: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संकेत दिया कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के पहला चरण को नवंबर तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने मिलकर हमें निर्देश दिया था कि दोनों पक्षों के मंत्री नवंबर 2025 तक एक अच्छा समझौता कर लें। उस समझौते का पहला भाग नवंबर 2025 तक अंतिम रूप दे दी जाए और मार्च से ही इस विषय पर बहुत अच्छे माहौल में बहुत गंभीरता से चर्चा चल रही है और इस प्रगति से दोनों पक्ष संतुष्ट हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर दिए थे सकारात्मक संकेत
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में संकेत दिया था कि भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर कुछ नरमी आई है, उन्होंने कहा था कि दोनों देश व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं।

उन्होंने पोस्ट किया कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और अमेरिका अपने दोनों देशों के बीच व्यापार बाधाओं को दूर करने के लिए बातचीत जारी रखे हुए हैं। मैं आने वाले हफ्तों में अपने बहुत अच्छे दोस्त, प्रधानमंत्री मोदी से बात करने के लिए उत्सुक हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे दोनों महान देशों के लिए एक सफल निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं होगी।

ट्रम्प की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कुछ दिन पहले ही उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को बहुत विशेष संबंध बताया था और कहा था कि वह और प्रधानमंत्री मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे। उन्होंने कहा था कि इसमें चिंता की कोई बात नहीं है।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप की टिप्पणी की किया समर्थन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता से साझेदारी की असीमित संभावनाओं को खोलने में मदद मिलेगी। एक्स पर एक पोस्ट में, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका घनिष्ठ मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं। मुझे विश्वास है कि हमारी व्यापार वार्ता भारत-अमेरिका साझेदारी की असीम संभावनाओं को उजागर करने का मार्ग प्रशस्त करेगी। हमारी टीमें इन चर्चाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए काम कर रही हैं। मैं राष्ट्रपति ट्रम्प से बात करने के लिए भी उत्सुक हूं। हम दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

अमेरिका द्वारा भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद बढ़े आर्थिक तनाव के कारण नई दिल्ली को वैश्विक अनिश्चितताओं का सामना करना पड़ रहा है। इसमें रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी शामिल है, जो वाशिंगटन के अनुसार, यूक्रेन के साथ संघर्ष में मास्को के प्रयासों को बढ़ावा देता है।