सिर्फ तेल लगाने से नहीं रुकता हेयर फॉल, आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताई असली वजह

नई दिल्ली। हेयर फॉल यानी बाल झड़ने की समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है। ये एक ऐसी परेशानी है, जो महिलाएं हो या पुरुष किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। ये समस्या कभी-भी उम्र या मौसम देखकर नहीं होती है। आज के समय में हर 10 में से 9 लोग बाल झड़ने की समस्या का सामना कर रहे होते हैं। ज्यादातर लोग इस स्थिति में अपने शैंपू और हेयर ऑयल जैसे प्रोडक्ट्स को बदलने का काम करते हैं। हालांकि, इससे बालों में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या आप जानते हैं कि बालों के झड़ने के पीछे क्या कारण होते हैं। दरअसल, बात बहुत सिंपल सी है, जब तक आप किसी समस्या के पीछे की वजह नहीं जानेंगे, तब तक उसे ठीक भी नहीं कर पाएंगे। ऐसा ही कुछ हेयर फॉल के साथ भी होता है। अगर आप बाल झड़ने का कारण नहीं जानेंगे, तो इससे पीछा छुड़वाने के लिए सही इलाज किस तरह कर पाएंगे?

आयुर्वेदिक डॉक्टर ने बताई हेयर फॉल की वजहे

इंस्टाग्राम पर आयुर्वेदिक डॉक्टर तनूजा गोहने ने एक वीडियो पोस्ट कर हेयर फॉल के पीछे की असली वजहें बताई हैं। उन्होंने कहा कि बालों को बढ़ाने के लिए अक्सर लोग तेल जैसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, इससे बालों की ग्रोथ में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है। दरअसल, बालों को बढ़ाने में अहम भूमिका हमारे खून की है। ये हमारे बालों की जड़ों तक पोषक-तत्वों को पहुंचाने का काम करता है, लेकिन अगर हिस्सों में कोई समस्या होती है, तो ब्लड हमारे बालों पर कोई खास ध्यान नहीं देता है। आइए हेयर फॉल की असली वजह जान लेते हैं।

बालों बढ़ने में पोषण की अहम भूमिका

​बाल झड़ने की समस्या वाले लोगों में सीरम फेरिटिन कम पाया जाता है। सीरम फेरिटिन एक प्रोटीन है, जो आपके शरीर में आयरन को स्टोर करता है और इसका इस्तेमाल शरीर में आयरन की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। बता दें कि सामान्य हीमोग्लोबिन होने पर भी कम फेरिटिन अपर्याप्त आयरन लेवल का संकेत देता है। ऐसे में बाल जरूरत से ज्यादा झड़ने लगते हैं।

इंटेस्टाइन का बालों पर कैसे होता है असर

इंटेस्टाइन से जुड़ी समस्या होने पर बाल ज्यादा झड़ने लगते हैं। साथ ही, इससे बाल पतले और रूखे दिखाई दे सकते हैं। बता दें कि इंटेस्टाइन की समस्या होने पर पोषक-तत्व सही से अब्सॉर्ब नहीं हो पाते हैं। इसके साथ ही, सूजन और हार्मोनल असंतुलन जैसी समस्याएं भी बालों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं।

वात असंतुलन भी है वजह

आयुर्वेद के मुताबिक, खराब पाचन शरीर में असंतुलन का कारण बनता है, जिससे शरीर बालों के विकास जैसे कामों पर फोकस न करके, अन्य जरूरी क्मों पर ध्यान देने का काम करता है। इस स्थिति में बाल बढ़ने से ज्यादा जरूरी सर्वाइवल होता है।

हार्मोनल असंतुलन भी एक कारण

बता दें कि बालों के झड़ने का सामना करने वाले लगभग एक-तिहाई लोगों को थायराइड, तनाव या पीसीओएस जैसी हार्मोनल समस्याएं होती हैं। ऐसे में हार्मोनल इम्बैलेंस हो जाता है और बालों की ग्रोथ रुक जाती है।

कैसे करें बचाव?

  • अगर आप इन समस्याओं से बचना चाहते हैं, तो डाइट में आयरन युक्त फूड्स को शामिल कर सकते हैं। इससे बालों का विकास होता है। बता दें कि आपको पित्त बैलेंस करने के हिसाब से डाइट में बदलाव करने चाहिए। आपको रोजाना बॉडी डिटॉक्सिफिकेशन पर ध्यान देना चाहिए। इससे ओवरऑल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही, बालों के पोर्स को भी सहारा मिलता है।
  • अगर आप बालों का झड़ना बंद करना चाहते हैं, तो अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। ये बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।