हथकड़ी लगे हाथ, आंखों में आंसू – जेल में बंद बेटे ने पिता का किया अंतिम संस्कार, 1.71 करोड़ के मामले ने छीनी खुशियां

ललितपुर: ललितपुर में नियति का क्रूर चेहरा रविवार को तब सामने आया जब बेटे को हथकड़‍ियां लगाकर उसके प‍िता के अंतिम संस्‍कार में शामिल होने के लिए लाया गया। शिवम राठौर बजाज फाइनेंस में फ्रॉड के आरोप में जेल में बंद है। परिजनों का कहना है कि ये आरोप फर्जी हैं। इसी से आहत होकर शिवम के पिता लक्ष्‍मी नारायण राठौर ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।

इन दोनों घटनाओं से लल‍ितपुर के स्‍थानीय निवासी खासकर व्‍यापारी में खासा आक्रोश था। परिजनों के साथ व्‍यापारियों ने शहर के इलाइट चौराहे पर मृतक दुकानदार लक्ष्मी नारायण राठौर का शव रखकर जाम लगा दिया। इसमें पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की गई। अधिकारियों के समझाने और बेटे के आने के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए। इसके बाद शिवम को जेल से पैरोल पर निकाल कर लाया गया। पिता के शव को सामने देख शिवम बुरी तरह से बिलखने लगा। इस समय भी उसके हाथ हथकड़‍ियों से जकड़े थे। उसके ये फोटो सोशल मीडिया पर देखे गए। हालांकि, बाद में अंतिम संस्‍कार के बाकी के कर्मकांड में उसके हाथ में हथकड़ी नहीं दिखाई दी।

पुलिस ने शिवम को 1.71 करोड़ के फ्रॉड मामले में फर्जी मुहर बनाने के आरोप में जेल भेजा था। इसके बाद पिता लक्ष्मीनारायण ने टीकमगढ़ में आत्महत्या कर ली थी। लक्ष्मी नारायण की मौत के बाद परिजन गुस्से में थे। रविवार सुबह करीब 10 बजे वे इलाइट चौराहे पर पहुंचे। उन्होंने शव रखकर प्रदर्शन किया और पुलिस के खिलाफ नारे लगाए। उनका आरोप था कि पुलिस ने गलत तरीके से शिवम को फंसाया है। वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस भी हुई। परिजनों की मांग थी कि शिवम को जेल से बाहर निकाला जाए और कोतवाली में तैनात दरोगा व सिपाहियों पर कार्रवाई हो। काफी मान-मनौव्वल के बाद अधिकारी परिजनों को समझाने में सफल रहे। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि शिवम को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल पर रिहा किया जाएगा। इसके बाद परिजन शांत हुए और अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।