हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) की राजनीति में इन दिनों मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (CM Revanth Reddy) का एक बयान बवाल मचा रहा है. उन्होंने एक जनसभा में मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) को संबोधित करते हुए कहा, “कांग्रेस (Congress) है तो मुसलमानों की इज्जत है, कांग्रेस नहीं तो आप कुछ नहीं.” यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इसके बाद राजनीतिक गलियारों में गर्मी बढ़ गई है.
रेवंत रेड्डी का यह बयान एक ओर जहां कांग्रेस की अल्पसंख्यक समर्थक छवि को चमकाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे “सांप्रदायिक बयान” बताते हुए घेरना शुरू कर दिया है. तेलंगाना की राजनीति में यह वक्त बेहद नाजुक है, क्योंकि कांग्रेस सरकार पहले से ही अल्पसंख्यकों की अनदेखी के आरोप झेल रही है.
वायरल वीडियो में रेवंत रेड्डी मुसलमान समुदाय से सीधे अपील करते नजर आते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा की है. उन्होंने कहा, “बिना कांग्रेस के मुसलमानों को इंसाफ मिलना मुश्किल है.”
रेवंत रेड्डी ने बीआरएस (पूर्व TRS) सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार में मुसलमानों की अनदेखी हुई थी, जबकि उनकी सरकार ने वक्फ बोर्ड को मजबूत करने, मदरसों के विकास और शिक्षा में आरक्षण जैसे कदम उठाए हैं. हालांकि उनका यह बयान कि “कांग्रेस है तो इज्जत है” अब उनके लिए मुसीबत बन गया है.
रेवंत रेड्डी का यह बयान जुबली हिल्स विधानसभा सीट के उपचुनाव के दौरान दिया गया था, जहां करीब 1.3 लाख मुस्लिम वोटर हैं. यह सीट कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है. विपक्षी दल बीआरएस और भाजपा दोनों ने इस बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने एक पूरे समुदाय को राजनीतिक रूप से “निर्भर” बताकर उसका अपमान किया है.
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह बयान कांग्रेस की “माइनॉरिटी कनेक्ट” रणनीति को नुकसान पहुंचा सकता है. खासकर तब जब सरकार के दो साल बीत जाने के बावजूद कैबिनेट में कोई मुस्लिम मंत्री नहीं था, जो राज्य गठन (2014) के बाद पहली बार हुआ है.
