“‘अगर चुनाव पारदर्शी होते तो थरूर अध्यक्ष होते’, राहुल गांधी पर BJP का तीखा हमला

नई दिल्‍ली । कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) पिछले कुछ महीनों से चुनाव आयोग (election Commission) और भाजपा (BJP) के ऊपर वोट चोरी का आरोप लगा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से भी उनके इन आरोपों का कड़ा जवाब दिया जा रहा है। अब भाजपा प्रवक्ता जयदीप शेरगिल (Jaideep Shergill) ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों में पारदर्शिता की कमी का हवाला देते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा है। उन्होंने दावा किया कि मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर के बीच में हुआ चुनाव अगर निष्पक्ष तरीके से होता तो आज कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शशि थरूर (Shashi Tharoor) होते। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए शेरगिल ने कहा, “जिनके खुद के घर कांच के होते हैं, वह दूसरों के घरों में नुक्स नहीं निकालते।”

एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में भाजपा नेता ने दावा किया कि अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान शशि थरूर और मनीष तिवारी जैसे नेताओं को तो मतदाता सूची ही नहीं बताई गई। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को बहुत कुछ जवाब देना है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के चुनाव हुए और खड़गे जीत गए। उस समय पर शशि थरूर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि मतदाता सूची कहाँ है? मनीष तिवारी ने खुलकर कहा कि मतदाता सूची सार्वजनिक करो। लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने ऐसा नहीं किया। बाद में दोनों नेताओं ने कहा कि लगभग 500 नाम हटाए गए या जोड़े गए। इस पर पार्टी नेतृत्व ने जवाब दिया कि ‘नहीं’। कांग्रेस का हाल यह है कि वह पारदर्शिता की बात करेंगे, लेकिन थरूर, तिवारी, आपको वह मतदाता सूची नहीं मिलेगी।”

शेरगिल ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें वोट चोरी का आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी के चुनावों में पारदर्शिता बरतने की शुरुआत करनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के वकील शेरगिल ने कहा, “कांग्रेस का संविधान कहता है कि हर तीन साल में मतदाता सूची में संशोधन किया जाना चाहिए। अगर कांग्रेस पार्टी में निष्पक्ष चुनाव होते, तो फिर थरूर को कांग्रेस पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष होते। अगर राहुल गांधी वोट चोरी के मुद्दे पर अड़े हुए हैं, तो बाकी आरोपों को भूल कर उन्हें सबसे पहले अपनी पार्टी की तरफ ध्यान देना चाहिए। अगर कांग्रेस पार्टी की मतदाता सूची में सब कुछ सही था, तो फिर उसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?”

गौरतलब है कि 2022 में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कांग्रेस पार्टी के भीतर ही मतदान की प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, “बहुत सम्मान के साथ, मधुसूदन मिस्त्री जी, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध मतदाता सूची के बिना निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कैसे हो सकते हैं? एक निष्पक्ष और स्वतंत्र प्रक्रिया का सार यह है कि मतदाताओं के नाम और पते पारदर्शी तरीके से पार्टी की वेबसाइट पर प्रकाशित किए जाने चाहिए।”