सोयाबीन पर इंपोर्ट ड्यूटी लगा किया महंगा, शिवराज सिंह चौहान का खुलासा

इंदौर : केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुलासा किया है कि सोयाबीन को महंगा करने के लिए इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. इंदौर के केंद्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र में किसनों और सोयाबीन उत्पादकों के बीच हुए मंथन के बाद शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से बात की. शिवराज का कहना है "देश में जिन चीजों की कमी है, उन्हें आयात करना पड़ता है और सब जानते हैं कि तेलों का आयात वर्षों से होता रहा है. इसलिए हमने भारत में सोयाबीन महंगा किया."

इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में मीटिंग

यह पहला मौका है जब खुद भारत सरकार ने स्वीकार किया है कि सोयाबीन पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर महंगा किया गया. परिणामस्वरूप देश में सोयाबीन तेल की कीमतें 25 से 30% बढ़ गईं. इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के वैज्ञानिकों, किसानों, कृषि विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों, कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञों, प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों, केंद्रीय कृषि सचिव, आईसीएआर के डीजी सहित केंद्र के आला अफसरों, सोया उद्योग प्रतिनिधियों के साथ शिवराज सिंह ने मंथन किया.

सप्ताह में 2 दिन किसानों के बीच रहेंगे शिवराज

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा "देश के सोया उत्पादक किसान हमारे लिए सर्वोपरि हैं. जिनके लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हमने तय किया है कि केवीके के वैज्ञानिक सप्ताह में 3 दिन किसानों के साथ होंगे. मैं हफ्ते में 2 दिन किसानों के बीच ही रहूंगा. उसके बिना आप चीजें नहीं समझ सकते. मैं भी खेत में, आप भी खेत में, वैज्ञानिक भी खेत में और अब इंडस्ट्री वाले भी खेत में आ जाएं. इस बार हम फसल पर नजर रखेंगे. बीमारियों पर हम नजर रखें."

 

 

सोयाबीन के बाद अन्य फसलों पर होगा फोकस

शिवराज ने कहा "इसी साल हमारा सीड का प्लान बन जाना चाहिए. हमने सोयाबीन से शुरूआत की है. अगला लक्ष्य है कपास. इसके बाद गन्ना व दलहन." इस दौरान महाराष्ट्र के कृषि मंत्री मानिकराव कोकाटे, मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी, और इंदौर के विधायक मौजूद रहे. गौरतलब है कि सितंबर 2024 में भारत सरकार ने सोयाबीन सहित वनस्पति तेलों पर इंपोर्ट ड्यूटी 5.5% से बढ़कर 27.5% कर दी थी. इस कारण देशभर में तेल की कीमत 90 से 95 रुपए लीटर के स्थान पर 110 से 125 रुपए तक हो गई थीं. हालांकि मई 2025 में भारत सरकार ने इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी थी।.