नई दिल्ली : लॉर्ड्स टेस्ट में भारतीय टीम की हार के बाद मुख्य कोच गौतम गंभीर की कोचिंग एक बार फिर सवालों के घेरे में है। हैरानी की बात यह है कि उनकी कोचिंग में भारत दूसरी बार 200 से कम के लक्ष्य का पीछा नहीं कर सका। साल 2024 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने घर में टीम इंडिया 147 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी। इससे पहले पांच ऐसे मौके रहे हैं जहां भारतीय टीम 200 से कम के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई।
लॉर्ड्स टेस्ट में 22 रन से हारा भारत
लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और पहली पारी में 10 विकेट पर 387 रन बनाए। उनके लिए जो रूट ने 104 और जेमी स्मिथ व ब्रायडन कार्स ने क्रमश: 51 और 56 रनों की पारियां खेलीं। इसके बाद भारत ने भी 10 विकेट पर 387 रन ही बनाए। उनकी तरफ से केएल राहुल ने 100, ऋषभ पंत ने 74 और रवींद्र जडेजा ने 72 रनों की पारियां खेलीं। दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 10 विकेट खोकर 192 रन बनाए और भारत के सामने 193 रन का लक्ष्य रखा, जिसे भारतीय टीम हासिल नहीं कर पाई और 170 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।
न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में 25 रन से मिली थी मात
पिछले साल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर खेले गए मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था और पहली पारी में डेरिल मिचेल की 82 रनों की पारी की बदौलत 235 रन बनाए। इसके बाद भारत ने अपनी पहली पारी में 263 रन बनाए और 28 रन की बढ़त हासिल की। न्यूजीलैंड ने दूसरी पारी में 174 रन बनाए और भारत के सामने 147 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में टीम इंडिया सिर्फ 121 रन ही बना पाई थी और ऑलआउट हो गई थी। तीन टेस्ट मैचों की यह सीरीज भारत 0-3 से हारा था।
जब 120 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी भारतीय टीम
ये तो रही गंभीर की कोचिंग की बात। अब नजर डालते हैं उस अनचाहे रिकॉर्ड पर जिसमें भारतीय टीम 120 रन के छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए 81 रन पर सिमट गई थी। 1997 में वेस्टइंडीज की टीम ने भारत के सामने 120 रन का लक्ष्य रखा था, लेकिन टीम इंडिया 81 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी और ब्रिजटाउन टेस्ट में वेस्टइंडीज ने 38 रनों से जीत दर्ज की थी। इसके बाद भारतीय टीम श्रीलंका के खिलाफ 2015 में 176 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई थी। 2018 में भी ऐसा ही हुआ और बर्मिंघम टेस्ट में भारत 194 रन के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाया था।
टेस्ट में 200 रन से कम के लक्ष्य का पीछा करते हुए कब-कब हारा भारत
लक्ष्य | विपक्षी टीम | जगह | साल |
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120 | वेस्टइंडीज | बारबाडोस | 1997 |
176 | श्रीलंका | गॉल | 2015 |
194 | इंग्लैंड | बर्मिंघम | 2018 |
147 | न्यूजीलैंड | मुंबई | 2024 |
193 | इंग्लैंड | लॉर्ड्स | 2025 |
टेस्ट में भारत की सबसे कम अंतर से हार
हार का अंतर | विपक्षी टीम | जगह | साल |
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12 रन | पाकिस्तान | चेन्नई | 1999 |
16 रन | ऑस्ट्रेलिया | ब्रिसबेन | 1977 |
16 रन | पाकिस्तान | बंगलुरू | 1987 |
22 रन | इंग्लैंड | लॉर्ड्स | 2025 |
25 रन | न्यूज़ीलैंड | वानखेड़े | 2024 |
गंभीर ने जुलाई में संभाली थी कमान
टी20 विश्व कप 2024 में टीम इंडिया की जीत के बाद राहुल द्रविड़ के कार्यकाल का अंत हुआ था और गौतम गंभीर ने मुख्य कोच के रूप में कदम रखा था। ऐसा माना जा रहा था कि वह अपने साथ एक नया दृष्टिकोण लाएंगे और भारतीय टीम और ज्यादा आक्रामक होकर खेलेगी। आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ उनकी सफलता के बाद गंभीर की नियुक्ति ने फैंस के मन में उम्मीदें जगाई थीं। हालांकि, जुलाई में गंभीर के पद संभालने से लेकर अब तक भारत की अप्रत्याशित हार की कल्पना किसी ने नहीं की थी।