तारीख नहीं, तिथि पर मनाते हैं आजादी का जश्न, MP के मंदिर की अनोखी परंपरा

मंदसौर: मध्य प्रदेश में एक ऐसा मंदिर है, जहां स्वतंत्रता दिवस तिथि के हिसाब से मनाया जाता है। मंदसौर में स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस 23 जुलाई को मनाया गया, जो कि हिंदू पंचांग के अनुसार सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी। यह परंपरा पिछले 36 सालों से चली आ रही है, जिसमें भगवान पशुपतिनाथ का दूर्वा घास से अभिषेक किया जाता है। इस अवसर पर अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती भी मनाई गई।

पिछले वर्ष 23 जुलाई को मनाया गया था स्वतंत्रता दिवस

पं. रविन्द्र पाण्डेय ने बताया कि भगवान श्री पशुपतिनाथ मंदिर में स्वतंत्रता दिवस तारीख़ के हिसाब से नहीं, बल्कि तिथि के अनुसार मनाया जाता रहा है। यह परंपरा पिछले 36 सालों से चली आ रही है। इस वर्ष भी यहां स्वतंत्रता दिवस 23 दिन पहले यानी 23 जुलाई को ही मनाया जा रहा है।

दुर्वा से किया अभिषेक

मंदिर पर प्रतिवर्ष हिंदू पंचांग तिथि के अनुसार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर दूर्वा से भगवान श्री पशुपतिनाथजी का अभिषेक किया गया। ज्योतिष एवं कर्मकांड परिषद के पं. उमेश जोशी, पं मनोहरलाल शर्मा, पं विशाल जोशी, चंद्रशेखर चौधरी, आशीष चौधरी ने बताया कि इस अवसर पर भगवान की पूजा अर्चना कर दूर्वा से अभिषेक कर स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा।

सुख और समृद्धि के लिए होता है आयोजन

भगवान की इस पूजा में शिवलिंग पर दूर्वा घास का जल चढ़ाया जाता है, जो बुरी शक्तियों को दूर करने के लिए माना जाता हैं। साथ ही प्रार्थना की जाती है कि देश में सुख शांति रहे और सभी लोग सुखी रहे। देश विश्व में कीर्तिमान स्थापित करें। इसी कामना के साथ पंडित जलाभिषेक करते हैं।

श्रंगार देखने आते हैं श्रद्धालु

पशुपतिनाथ का यह श्रृंगार देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। महान स्वतंत्रता सेनानी अमर बलिदानी चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती भी मनाई गई। दोनों पुनीत प्रसंग एक साथ मनाए गए। श्रद्धालुओं का कहना है कि 15 अगस्त 1947 को जिस दिन देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था, हिंदू पंचांग के अनुसार उस दिन सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी।