महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि यह दुनिया की जरूरत है कि हम विश्वगुरु बनें : भागवत

हैदराबाद। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि भारत को एक बार फिर ‘विश्वगुरु’ (World Teacher) बनने की दिशा में काम करना चाहिए। कहा कि यह कोई महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि दुनिया की ज़रूरत है।

 हैदराबाद में ‘विश्व संघ शिविर’ (World Federation Camp) को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि करीब 100 साल पहले योगी अरविंद ने घोषणा की थी कि सनातन धर्म का पुनरुत्थान ईश्वर की इच्छा है और उसके लिए हिंदू राष्ट्र का उदय आवश्यक है। वह समय अब आ गया है। उन्होंने कहा कि देश को ‘विश्वगुरु’ बनने के लिए संघ के प्रयासों सहित विभिन्न क्षेत्रों में लगातार कड़ी मेहनत की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि संघ व्यक्तियों के विकास और उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विभिन्न कार्यस्थलों पर रखने पर ध्यान केंद्रित करता है। तकनीकों पर मानवीय नियंत्रण जरूरी संघ प्रमुख ने कहा कि सोशल मीडिया और एआई जैसी तरक्की तो होंगी ही, लेकिन इन पर मानवीय नियंत्रण बना रहना चाहिए। इससे तकनीकों के नकारात्मक परिणाम नहीं होंगे।