सिवनी: पेंच टाइगर रिजर्व में राजस्थान और मध्य प्रदेश की टीम जुगनी को ढूंढने के लिए तीन दिनों से मशक्कत कर रही हैं, लेकिन जुगनी ऐसी मायावी हरकतें कर रही है कि कभी दिखती है तो कभी चकमा देकर गायब हो जा रही है. जुगनी को पकड़ने के लिए दोनों राज्यों की टीम ने प्लानिंग में चेंज किया है. जैसे ही बाघिन पकड़ ली जाएगी. उसके बाद एयरलिफ्ट कर राजस्थान में बूंदी जिले के विषधारी टाइगर रिजर्व में उसे शिफ्ट किया जाएगा.
मायावी तरीके से 2 राज्यों की टीम को चकमा दे रही जुगनी
मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व बाघिन PN 224 को भेजा जाना है. इस बाघिन को लोग प्यार से जुगनी बोलते हैं. पिछले तीन दिनों से राजस्थान और मध्य प्रदेश की टीम पेंच टाइगर रिजर्व में जुगनी को ढूंढ रही हैं. रविवार को जुगनी झाड़ियों के पीछे आराम करते हुए दिखाई दी थी, लेकिन फिर पलक झपकते ही सर्चिंग टीम को चकमा देकर गायब हो गई.
पेंच टाईगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि "फील्ड टीमों ने पिछले 3 दिनों से अपनाए गए समान प्रोटोकॉल और रणनीतियों के अनुसार सोमवार को खोज अभियान फिर शुरू किया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद, निर्धारित बाघिन का कोई प्रत्यक्ष या परोक्ष साक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका. फील्ड में मिले संकेतों से पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार मानव गतिविधि के कारण बाघिन अधिक सतर्क और मायावी हरकतें कर रही है.
प्लानिंग में किया गया चेंज,लगाया जाएगा रेडियो कॉलर
पेंच टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर का कहना है बाघिन की गतिविधियों के हिसाब से दिन के समय दिखने की संभावना कम हो गई है. इस व्यवहारिक परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए, रणनीतिक रूप से यह निर्णय लिया गया है कि मंगलवार से खोज अभियान सीमित टीमों के साथ संचालित किए जाएंगे. इससे क्षेत्र में मानव हस्तक्षेप कम होगा, जिससे बाघिन अपनी प्राकृतिक गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकेगी और सुरक्षित व प्रभावी अभियान की संभावनाएं बढ़ेंगी.
यह भी निर्णय लिया गया है कि बाघिन का पता चलते ही उसे सावधानी और न्यूनतम व्यवधान के साथ पहले बेहोश कर रेडियो कॉलर लगाया जाएगा. कॉलर लगाने के बाद बाघिन की रेडियो कॉलर के माध्यम से कड़ी निगरानी की जाएगी और उसके बाद स्वीकृत प्रोटोकॉल व व्यवस्थाओं के अनुसार उसे राजस्थान ट्रांसफर किया जाएगा."
रविवार को झाड़ियों में आराम फरमा रही थी जुगनी
रविवार को लगाए गए कैमरा ट्रैप में बाघिन दिखाई दी थी. इस जानकारी के आधार पर टीमों ने हाथी दस्तों और पैदल गश्ती दल की मदद से खोज शुरू की. लगभग 7:00 बजे, बाघिन को लेंटाना झाड़ी के नीचे आराम करते हुए देखा गया. शांति से उसे शांत करने वाली टीम जल्दी से मौके पर पहुंची, लेकिन यह देखा गया कि बाघिन एक तालाब के बहुत करीब बैठी थी. जिससे डार्टिंग करना असुरक्षित था, क्योंकि बाघिन के पानी में गिरने का खतरा था.
टीम ने बाघिन के सुरक्षित स्थान पर जाने का इंतजार किया, लेकिन उसने स्थिति को महसूस किया और तेजी से वहां से हट गई. इसके बाद, बाघिन को हाथी दस्तों के जरिए दोपहर तक ट्रैक किया गया, लेकिन वह फिर दोपहर करीब 1 बजे, एक और मूवमेंट अपडेट एआई सक्षम कैमरा ट्रैप सिस्टम से प्राप्त हुआ. इसके आधार पर, टीमों ने दोपहर में फिर से खोज शुरू की थी कि अगर वह सुरक्षित स्थान पर मिलती है, तो डार्ट किया जाएगा, लेकिन वह फिर गायब हो गई थी.
