हरदा: एमपी के हरदा जिले में करणी सेना और पुलिस के बीच में ठन गई है। अब सीएम मोहन यादव ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं। ऐसे में लोगों के मन सवाल है कि हरदा में विवाद की शुरुआत कैसे हुई है। इसके पीछे की जड़ क्या है, जिसकी वजह से करणी सेना के लोगों ने आंदोलन किया और पुलिस ने उन पर लाठियां बरसाई है।
यहां से हुई विवाद की शुरुआत
दरअसल, जिले के केलनपुर गांव के रहने वाले आशीष राजपूत ने 2012 में मिडिल स्कूल के सामने जय अंबे नाम से कंप्यूटर की दुकान खोली थी। आशीष और उनके छोटे भाई जितेंद्र मिलकर दुकान चलाते थे। 2019 में आशीष ने अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए एक और दुकान ली। इसमें उन्होंने काफी पैसा लगाया। लेकिन कुछ ही महीने बाद कोविड की वजह से दुकान बंद हो गई। व्यापार में उन्हें लाखों रुपए का घाटा हुआ। कोरोनाकाल खत्म होने के बाद भी व्यापार में कोई तरक्की नहीं हुई।
ज्योतिष ने दी हीरा खरीदने की सलाह
आशीष ने बताया कि व्यापार में लगातार हो रहे नुकसान के बाद उन्होंने एक ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखाई। ज्योतिष ने उन्हें बताया कि उनके ग्रहों की चाल ठीक नहीं है। ज्योतिष ने आशीष को हीरा पहनने की सलाह दी। ज्योतिष का मानना था कि हीरा पहनने से उनकी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
दोस्त के पास अजनबियों से मिला
पुलिस में दर्ज FIR के अनुसार, 24 जनवरी को आशीष अपने घर पर थे। उन्होंने अपने दोस्त और करणी सेना के जिला अध्यक्ष सुनील राजपूत को फोन किया और पूछा कि वह कहां हैं। सुनील ने बताया कि वह दोस्तों के साथ रुद्राक्ष होटल में हैं। आशीष भी रुद्राक्ष होटल पहुंच गए। वहां दो अजनबी शख्स भी मौजूद थे। उनमें से एक का नाम विक्की उर्फ विकास लोधी और दूसरे का नाम मोहित वर्मा था।
हीरा खरीदने की बात की
इसी बीच विक्की और मोहित हीरा खरीदने-बेचने की बात करने लगे। आशीष ने कहा कि उन्हें भी एक हीरा खरीदना है। तब मोहित ने कहा कि उसके पास 1.52 कैरेट का हीरा है, जिसकी कीमत 18 लाख रुपए है। आशीष उनकी बातों में आ गए और 18 लाख रुपए में हीरा खरीदने के लिए तैयार हो गए। हीरे की डिलीवरी का दिन भी तय हो गया।
इंदौर गया हीरा लेने
डील फाइनल होने के बाद मोहित के साथ विक्की लोधी भी इंदौर चला गया। एक सप्ताह बाद मोहित ने आशीष को हीरा लेने के लिए इंदौर बुलाया। आशीष अपने साथी सुनील, रोहित और गब्बर के साथ 4 फरवरी 2024 को इंदौर पहुंचे। इंदौर में विक्की लोधी और मोहित वर्मा उन्हें पलासिया इलाके में एक जूलर्स के सामने मिले।
एक नए किरदार की एंट्री
यहां कहानी में एक नए किरदार उमेश तपानिया की एंट्री हुई। उमेश गुजरात का रहने वाला था। उमेश ने आशीष को हीरा दिखाया। आशीष और उनके दोस्तों ने एक जूलर्स पर जाकर हीरे को चेक कराया। जूलर ने कहा कि हीरा असली है और उसकी कीमत 18 लाख रुपए है। आशीष ने मोहित के माध्यम से उमेश तपानिया को रुपए दिए। हीरा लेकर आशीष और उसके तीनों दोस्त वापस हरदा आ गए। आशीष ने हीरे के बारे में अपने परिवार को भी नहीं बताया था।
हीरा लेकर मुंबई बुलाया
आशीष को हीरा पहने कुछ ही दिन हुए थे कि एक दिन मोहित वर्मा ने आशीष के दोस्त और करणी सेना के जिला अध्यक्ष सुनील को कॉल किया। उसने कहा कि जो हीरा आशीष को दिलवाया था, उसकी कीमत बढ़ गई है। यदि अच्छा पैसा कमाना है तो मुंबई आ जाओ। हीरा बेचने से फायदा होने की बात सुनकर आशीष 20 फरवरी को मुंबई पहुंचा। यहां उसे उमेश और मोहित मिले। दोनों आशीष को ईस्ट मलाड की एक जूलरी शॉप पर ले गए। जांच कराई और कहा कि हीरा नकली है।
हीरा बदल दिया
आशीष ने जब हीरा नकली होने की बात सुनी तो उसे उमेश और मोहित पर शक हुआ। इस पर तीनों के बीच कहासुनी हुई। जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो मोहित और उमेश ने स्वीकार किया कि उन्होंने ही हीरा बदल दिया है। दोनों ने ये भी कहा कि वो 23 लाख रुपए में उस हीरे का सौदा कर आए हैं। आशीष ने दोनों को चेतावनी दी कि यदि उसका पैसा वापस नहीं मिला तो उससे बुरा कोई नहीं होगा।
चेक कर गया बाउंस
इसके बाद आरोपियों ने उन्हें दो चेक दिए। एक महीने बाद बैंक में लगाया तो चेक बाउंस कर गया। इसके बाद आशीष ने दोनों के खिलाफ केस कर दिया। साथ ही 11 दिसंबर 2024 को उमेश, मोहित और विक्की के खिलाफ हरदा थाने पर ठगी और धोखाधड़ी की शिकायत की। इस शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धाराओं में मामला दर्ज किया और तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जमानती धाराएं होने के कारण उन्हें थाने से जमानत मिल गई।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
आशीष राजपूत और करणी सेना जिला अध्यक्ष सुनील ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों से मिलीभगत की। आशीष के छोटे भाई जितेंद्र ने बताया कि कोरोना के समय से व्यापार में घाटा हो रहा था। उनकी दोनों दुकानें किराए पर चलती हैं। 60-70 हजार रुपए तो किराए का ही घाटा हुआ। चार-पांच महीने दुकान बंद रहीं। कोरोना खत्म होने के बाद भी घाटे से उबर नहीं पाए।
इसी को लेकर आंदोलन पर लाठीचार्ज किया
वहीं, इसे लेकर ही करणी सेना के लोगों ने आंदोलन किया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। साथ ही राजपूत हॉस्टल में घुसकर भी मारपीट की। इसी को लेकर विवाद हुआ है। अब सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं।