कोलकाता: महान फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेस्सी (Great football player Lionel Messi) के कार्यक्रम के दौरान शनिवार को कोलकाता (Kolkata) के साल्ट लेक स्टेडियम (Salt Lake Stadium) में मची अफरा-तफरी कानून-व्यवस्था के बड़े मामले में तब्दील हो गई, जिसमें पुलिस ने कथित कुप्रबंधन के आरोप में मुख्य आयोजक को हिरासत में ले लिया, वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और फुटबॉल के इस दिग्गज खिलाड़ी को देखने से वंचित रह गए प्रशंसकों से माफी मांगी.
फुटबॉल के दीवानों के लिए जो जीवन का सबसे सुखद अनुभव हो सकता था, वह एक तरह से बुरी याद में बदल गया क्योंकि बड़ी रकम खर्च कर टिकट खरीदने के बावजूद हजारों प्रशंसकों ने अर्जेंटीना के इस दिग्गज एक साफ झलक नहीं मिल पाने से निराशा में यहां साल्ट लेक स्टेडियम के अंदर जमकर विरोध प्रदर्शन किया.
मेस्सी साल 2011 के बाद साल्ट लेक स्टेडियम में पहली बार आए थे, लेकिन यह एक अव्यवस्थित घटना बन गई. प्रशंसकों की भीड़ द्वारा सुरक्षा घेरा तोड़ने, तोड़-फोड़ और पुलिस के हस्तक्षेप से यह आयोजन फीका पड़ गया. इस कार्यक्रम को फुटबॉल के महानतम वैश्विक सितारों में से एक के उत्सव के रूप में प्रचारित किया गया था लेकिन यह पूरी तरह से अराजकता में बदल गया.
मेस्सी तीन दिनों के भारत दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत कोलकाता से हुई. उनका यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारतीय फुटबॉल अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहा है. भारत फीफा रैंकिंग में 142वें स्थान पर खिसक गया है जो 2016 के बाद उनकी सबसे खराब रैंकिंग है. यही नहीं मौजूदा सत्र का लगभग आधा समय बीत जाने के बाद बावजूद घरेलू फुटबॉल की शीर्ष प्रतियोगिता (इंडियन सुपर लीग) शुरू होने को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है.
विश्व कप विजेता कप्तान मेस्सी अपने लंबे समय के साथी लुई सुआरेज और अर्जेंटीना के टीम के साथी रोड्रिगो डी पॉल के साथ सुबह करीब 11.30 बजे स्टेडियम पहुंचे. स्टेडियम में लगभग 50,000 दर्शक मौजूद थे. मैदान पर उनके कदम रखते ही वह आयोजकों, मशहूर हस्तियों और सुरक्षा कर्मियों की भीड़ में घिर गए, जिससे गैलरी में बैठे सामान्य दर्शक एक झलक देखने के लिए तरसते रह गए. मेस्सी ने मैदान पर थोड़ी दूर चहलकदमी की और ‘मेस्सी, मेस्सी’ के नारों के बीच दर्शक दीर्घा की ओर हाथ हिलाया.
मेस्सी के समय से पहले मैदान से निकलने की खबर फैलते ही दर्शकों का गुस्सा फूट पड़ा. मैदान में बोतलें और फिर प्लास्टिक की कुर्सियां भी फेंकी गईं. प्रायोजक बैनर और होर्डिंग फाड़ दिए गए, बड़ी संख्या में सीटें तोड़ दी गईं और भीड़ ने मैदान के कुछ हिस्सों में जबरन घुसने के लिए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बढ़ते हंगामे के बीच प्रशंसकों ने बिस्वास और आयोजक शताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी की मांग करते हुए नारे लगाए. प्रशंसकों ने आयोजकों को इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम के घोर कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी कहा कि मेस्सी के बाहर निकलने के तुरंत बाद आयोजक (प्रमोटर शताद्रु दत्ता और उनकी टीम) मैदान पर दिखना बंद हो गए तो स्थिति और बिगड़ गई.
