MP Winter Prediction : इस वर्ष मॉनसून के बाद ठंड का मौसम भी कई रिकॉर्ड तोड़ सकता है. दरअसल, मॉनसून के बाद 'ला नीना' वेदर सिस्टम अब ठंड पर अपना असर दिखाने के लिए तैयार है. ऐसे में मॉनसून की विदाई के साथ ही ठंड का मौसम तेजी से आगे बढ़ेगा और पूरे देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी हाड़कंपा देने वाली ठंड पड़ेगी.
मध्य प्रदेश में पड़ेगी भीषण ठंड
वैदर एक्सपर्ट्स ने एक बार फिर 'ला नीना' (La Nina) को लेकर अलर्ट जारी किया है. एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि साल के अंत में ला नीना सक्रिय होगा, जिससे पूरे भारत में सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ने के आसार हैं. ऐसे में मॉनसून की मार झेलने के बाद देश के विभिन्न राज्यों के साथ मध्य प्रदेश को भी भीषण शीतलहर के लिए तैयार रहना होगा.
अक्टूबर से शुरू होगा ला नीना इफेक्ट
अमेरिकी के जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने हाल ही में एक रिपोर्ट भी जारी की है, जिसमें कहा गया है, '' अक्टूबर से दिसंबर 2025 के बीच ''ला नीना'' के सक्रिय होने की प्रबल संभावना है. दिसंबर 2025 और फरवरी 2026 के बीच यह संभावना थोड़ी कम होकर 54% रह जाती है, लेकिन इस बार ये संभावना 71 प्रतिशत है.''
मॉनसूनी बारिश की वजह से नहीं बढ़ा तापमान
आईएमडी के मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, '' इस वर्ष मॉनसून की जबर्दस्त बारिश की वजह से मॉनूसन के धीमे पड़ने के बाद भी तापमान नियंत्रित हैं. वहीं अक्टूबर-दिसंबर के बीच ला नीना के सक्रिय होने की ज्यादा संभावना बन रही है. ला नीना का असर भारत में पड़ने वाली ठंड को पूरी तरह प्रभावित करता है. ऐसे में संभावना है कि सर्दी का असर इस वर्ष ज्यादा रहेगा.''
आखिर क्या है ला नीना और इसका सर्दी से कनेक्शन?
आसान शब्दों में 'ला नीना' प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह पर होने वाली एक घटना या वेदर पैटर्न है. भूमध्य रेखा के पास समुद्र की सतह का पानी जब ठंडा होने लगता है, तो इसे 'ला नीना इफेक्ट' भी कहते हैं. इसी ला नीना पैटर्न की वजह से दुनियाभर का मौसम प्रभावित होता है, जिसमें भारत भी शामिल है. जब-जब ला नीना सक्रिय होता है, तब भारत में सामन्य से ज्यादा बारिश होती है, जैसा इस वर्ष हुआ. इसके साथ ही ये सामान्य से ज्यादा ठंड पड़ने के लिए भी यही जिम्मेदार होता है.
स्काईमेट ने ला नीना को लेकर क्या कहा?
निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष जीपी शर्मा ने ला नीना को लेकर कहा, '' इस समय प्रशांत महासागर पहले से ही सामान्य से ज्यादा ठंडा है, फिलहाल ये ला नीना की सीमा तक नहीं आया है लेकिन कुछ समय के ला नीना पैटर्न की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. अगर समुद्र की सतह का तापमान -0.5°C से नीचे गया और कम से कम 3 क्वार्टर तक बना रहा तो इसे ला नीना घोषित कर दिया जाएगा. पिछले वर्ष के अंत में ठीक ऐसी ही स्थिति बनी थी.''