Ladli Behna Yojana 2025: मध्य प्रदेश की सबसे महत्वकांक्षी और महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी 'लाड़ली बहना योजना' अब एक नए मोड़ पर खड़ी है। सितंबर 2025 की 28वीं किस्त को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लेकिन इस बार मिलने वाली 1250 रुपए की ये किस्त अक्टूबर महीने तक आने वाली आखरी किस्त होगी। इसके बाद लाड़ली बहनाय योजना की 1250 रुपए की किस्त बंद हो जाएगी। बता दें कि लाड़ली बहनाय योजना की चर्चा इन दिनों लगातार आम जन-जीवन के दिन हिस्सा बनी हुई है, ये चर्चा सितंबर के महीने में आने वाली 28वीं किस्त या कितनी राशि खातों में आने वाली है तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य सरकार के राजनीतिक संकेत और आर्थिक दबाव को लेकर भी बड़ा मुद्दा बन चुकी है।
लाड़ली बहनों के खाते में कब आएगी सितंबर की किस्त
जानकारी मिल रही है कि सितंबर के इस महीने में लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त के 1250 रुपए आने वाले हैं। इस महीने की किस्त की ये राशि 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में जमा होनी है। अब तक मिल रही जानकारी के मुताबिक इस बार ये किस्त सीएम डॉ. मोहन यादव 13 सितंबर को करोड़ों लाड़ली बहनों के खाते में ये राशि DBT करेंगे। वहीं एमपी के झाबुआ जिले के पेटलावद से सिंगल क्लिक पर ये राशि लाड़ली बहनों के खातों में भेजी जाएगी। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।
आगामी त्योहारों और2028 तक के रोडमैप घोषणा का हिस्सा होगी 28वीं किस्त
बताया जा रहा है कि हर महीने की तरह इस महीने भी एक बड़े आयोजन में शामिल होकर सीएम मोहन यादव लाड़ली बहना योजना की 28वीं किस्त जारी करेंगे। ये किस्त सिर्फ आर्थिक सहायता भर नहीं होगी, बल्कि आगामी त्योहारों और 2028 तक की रोडमैप घोषणा का हिस्सा भी बनेगी। दिवाली की भाई दुज से मिलेंगे 1500 सौ रुपए तो 2028 तक 3,000 होगी किस्त।
1.27 करोड़ लाभार्थी, 22 हजार करोड़ का वार्षिक बोझ
योजना से अभी तक 1.27 करोड़ महिलाएं जुड़ चुकी हैं। मौजूदा समय में सरकार हर महीने लगभग 1,551 करोड़ खर्च कर रही है। राशि बढ़ने के बाद यह बोझ 1,861 करोड़ प्रतिमाह तक पहुंचेगा। सालाना अनुमानित खर्च 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा होगा। नाम न छापने की शर्त पर वित्त विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 'योजना को टिकाऊ रखने के लिए हमें टैक्स कलेक्शन और बजट कट्स पर गहराई से काम करना होगा, वरना अगले तीन साल में यह बोझ राज्य की अर्थव्यवस्था पर दबाव डाल सकता है।'
1- सितंबर की किस्त एक राजनीतिक संदेश
सितंबर की किस्त ऐसे समय आ रही है जब त्योहारों का मौसम शुरू हो रहा है। सरकार इसे 'त्योहार गिफ्ट' पैकेज की तरह पेश करना चाहती है।
2- अक्टूबर से वित्तीय चुनौती बढ़ेगी।
बढ़ी हुई राशि के बाद सरकार को हर साल 22,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि का प्रबंधन करना होगा। जो सरकार का वित्तीय बोझ बढ़ाने वाली एक बड़ी चुनौती भी साबित हो सकती है।
3- भविष्य का रोडमैप
2028 तक लाड़ली बहना योजना की राशि बढ़ाकर प्रतिमाह 3,000 रुपए तय करने का बड़ा लक्ष्य मोहन सरकार ने रखा है। इस राशि से महिलाओं का राजनीतिक वफादारी समीकरण भी बदल सकता है।
4- स्थानीय प्रभाव होगा खास
अगर हम स्थानीय प्रभाव की बात करें तो, खासकर आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में लाड़ली बहना योजना की पात्र महिलाओं के सामाजिक दर्जे और आर्थिक स्वतंत्रता में बड़ा बदलाव ला रही है। जो 2028 से और व्यापक होगा।
कैसे चेक करें 28वीं किस्त के 1250 रुपए खाते में आए या नहीं?
सरकारी पोर्टल cmladlibahna.mp.gov.in पर जाकर महिलाएं अपनी किस्त की स्थिति देख सकती हैं। आधार, आवेदन ID या समग्र ID डालकर वे यह जान सकती हैं कि 1250 रुपए उनके खाते में आए हैं या नहीं।
लिस्ट से काटे गए 1.63 लाख महिलाओं के नाम
जानकारी के मुताबिक योजना के तहत जनवरी 2025 तक करीब 1.63 लाख महिलाओं के नाम लाड़ली बहना योजना की पात्रता सूची से हटा दिए गए हैं। ये वो महिलाएं थीं जो 60 वर्ष की आयु पार कर चुकी थीं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी का नाम मनमाने तरीके से नहीं काटा गया, बल्कि पात्रता की शर्त पूरी न करने पर सिस्टम खुद ही अपडेट जानकारी शो करता है। उधर प्रदेश कांग्रेस समय- पर आरोप लगाती रही है कि सरकार इस योजना को बंद करना चाहती है। विपक्ष का आरोप है नए पंजीयन न किए जाना इसका कारण है। नाम लगातार कम होते रहेंगे और सरकार एक दिन इस योजना को बंद कर देगी।