दिल्ली में 15 अगस्त कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की लखपति दीदी होंगी शामिल

बालोद : छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के ग्राम गब्दी में रहने वाली खिलेश्वरी ने अपने मेहनत और लगन से आत्मनिर्भरता की ओर बेहतरीन कदम बढ़ाते हुए अन्य महिलाओं को प्रेरित किया है। अब उन्हें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में "अतिथि सत्कार" का विशेष निमंत्रण प्राप्त हुआ है। जिसके लिए वह बालोद से रवाना हो चुकी हैं। दरअसल, खिलेश्वरी ने अपने मेहनत और सरकार की लखपति दीदी योजना से जुड़कर आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम की है, बल्कि अब वह नई दिल्ली में आयोजित होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने वाली है। 

लखपति दीदी के रूप में अपनी पहचान बनाने वाली खिलेश्वरी की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे बालोद जिले के लिए गर्व का विषय है। नई दिल्ली में 15 अगस्त 2025 को आयोजित होने वाले 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में खिलेश्वरी का विशेष अतिथि के रूप में शामिल होना एक ऐतिहासिक क्षण है। जिले के गुण्डरदेही विकासखण्ड के ग्राम गब्दी की खिलेश्वरी, दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ अंतर्गत के तहत गठित जय संतोषी स्व-सहायता समूह की सदस्य है जिनका परिवार कुछ समय पूर्व मुख्यतः कृषि मजदूरी पर निर्भर था किन्तु खिलेश्वरी देवांगन की परिवार को आगे बढ़ाने की ललक ने उन्हें एक नया मुकाम दिया है। 

जानिए कैसे हुई शुरुआत

खिलेश्वरी ने बताया कि उन्होंने बिहान योजना के अंतर्गत मुर्गीपालन और किराना दुकान का संचालन शुरू किया, जिसके जरिए उन्होंने न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि लाखों रुपये की वार्षिक आय अर्जित कर लखपति दीदी का खिताब हासिल किया। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़ने पश्चात् महिलाओं के संगठन तैयार करना तथा वित्तीय साक्षरता सामुदायिक स्त्रोत व्यक्ति के रूप में चयनित होकर महिलाओं को वित्तीय साक्षरता प्रदान कर रही है। 

इस कार्य के माध्यम से दो करोड़ से अधिक की राशि क्षेत्र के समूहों को बैंक ऋण दिलाने में सहयोग रहा है। इस सेवा हेतु मासिक 6360 रुपये राशि मानदेय के रूप में प्राप्त हुआ है तथा खेती कार्य के साथ-साथ मुर्गीपालन, मछलीपालन, किराना दुकान, फैन्सी स्टोर्स गतिविधि प्रारंभ की। इस कार्य हेतु स्वयं के तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत प्रदाय की जाने वाली सीआईएफ की राशि का उपयोग कर मुर्गी शेड का निर्माण, मुर्गी पालन हेतु डिंकर फ्रीडर की व्यवस्था हेतु किया गया। 

खिलेश्वरी को सभी गतिविधियों के माध्यम से कुल चार लाख 60 हजार रुपये वार्षिक आय प्राप्त हुई है। कभी घर तक सीमित रहने वाली खिलेश्वरी देवांगन अपने दृढ़ इच्छाशक्ति एवं दीनदयाल अंत्योदय योजना (बिहान) के सहयोग से आज ‘‘लखपति दीदी’’ के रूप में पहचान बना चुकी हैं और क्षेत्र की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनकर उभरी हैं। 

उन्होंने बताया कि मुर्गीपालन और किराना दुकान ने मेरे जीवन को बदला और आज मुझे दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होने का मौका मिल रहा है। यह मेरे लिए बहुत बड़ा सम्मान है। खिलेश्वरी ने जिला प्रशासन बालोद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन के निरंतर सहयोग से ही यह संभव हो पाया है कि ग्रामीण महिलाएं अब आत्मनिर्भर बनकर अपनी अलग पहचान बना पा रही हैं।