भोपाल। मध्य प्रदेश में अब शहरों के आसपास किसान, किसानों के समूह या निजी व्यक्ति लैंड पुलिंग करके टाउनशिप बना सकेंगे। ग्रीन बेल्ट जैसे जैसे प्रविधानों से छूट मिलेगी।
कुल क्षेत्र के 15 प्रतिशत क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस, एलआईजी आवास बनाने होंगे। इसके लिए भूमि दिलाने के लिए डेवलपर या विकासकर्ता विकास प्राधिकरण या अन्य एजेंसियों से अनुरोध कर सकेंगे। वह आपसी सहमति के आधार पर भूमि दिलाने में भूमिका निभाएगी।
अगर परियोजना क्षेत्र में सरकारी भूमि आती है तो अधिकतम 8 हेक्टेयर सीमा की छूट दी जा सकेगी। इसमें लैंड पुलिंग का प्रविधान रखा गया है। नियम सरल बनाए गए हैं।
यह प्रविधान विकास प्राधिकरण सहित अन्य हाउसिंग प्रोजेक्ट करने वाली एजेंसियों के लिए भी लागू होंगे। मध्य प्रदेश नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मध्य प्रदेश एकीकृत टाउनशिप नीति-2025 के नियम जारी कर दिए हैं।
एकीकृत टाउनशिप नीति के तहत किसान के साथ मिलकर टाउनशिप बनाने के लिए सरकार प्रोत्साहित करेगी। महाराष्ट्र और गुजरात में यह व्यवस्था पहले से है। बता दें कि अभी तक बिल्डर और कालोनाइजर टाउनशिप का विकास करते थे। नए नियम जारी होने से अब कोई भी या व्यक्तियों का समूह किसान के साथ मिलकर टाउनशिप बना सकेगा।
एकीकृत टाउनशिप नीति में शहरों का होगा नियोजित विकास
एकीकृत टाउनशिप नीति के तहत स्थानीय निकाय सीमा या योजना क्षेत्र के भीतर पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 10 हेक्टेयर और पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिए भूमि की न्यूनतम अर्हता 20 आवश्यक होगी तथा मार्ग चौड़ाई 24.0 मीटर से कम न हो।
40 हेक्टेयर और उससे अधिक क्षेत्र वाले बड़ी टाउनशिप के लिए मार्ग की न्यूनतम चौड़ाई 30.0 मीटर आवश्यक होगी। कुल क्षेत्र के 15 प्रतिशत क्षेत्र में ईडब्ल्यूएस, एलआइजी आवास बनाने होंगे। किफायती आवास बनाने पर अलग से अनुदान मिलेगा। लैंड पूलिंग के माध्यम से सार्वजनिक और निजी भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा।
जिले की साधिकार समिति कलेक्टर की अध्यक्षता में बनाकर अनुमति देंगे। वहीं प्रदेश स्तर पर प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाएंगे। आवेदन करने पर 60 दिन के अंदर अनुमति देनी होगी। एक से अधिक आवेदन आते हैं तो ई बिडिंग प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
यहां लागू नहीं होंगे नियम
अधिसूचित वनक्षेत्र जल निकाय जैसे नदी, नाला, जलाशय, बांध आदि। अधिसूचित राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्यजीव अभयारण्य। रक्षा संपदा क्षेत्र, छावनी बोर्ड। अधिसूचित पर्यावरण ईको संवेदनशील क्षेत्र।
खदान, खनन क्षेत्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र, वन्यजीव गलियारा। ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक स्थलों से प्रभावित स्थल। कोई अन्य क्षेत्र जिसे राज्य शासन द्वारा प्रतिबंधित घोषित किया गया हो।
विकासकर्ताओं के लिए वित्तीय मापदंड
10-20 हेक्टेयर- न्यूनतम नेटवर्थ 5 करोड़, औसत वार्षिक टर्नओवर 6 करोड़
20-40 हेक्टेयर- न्यूनतम नेटवर्थ 10 करोड़, औसत वार्षिक टर्नओवर 12 करोड़
40-100 हेक्टेयर- न्यूनतम नेटवर्थ 20 करोड़, औसत वार्षिक टर्नओवर 20 करोड़
100-300 हेक्टेयर- न्यूनतम नेटवर्थ 50 करोड़, औसत वार्षिक टर्नओवर 40 करोड़
300 हेक्टेयर से अधिक- न्यूनतम नेटवर्थ 250 करोड़, औसत वार्षिक टर्नओवर 200 करोड़
टाउनशिप विकासकर्ताओं के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इन नियमों के अनुसार, विकासकर्ताओं को अपने टर्नओवर और नेटवर्थ के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा।