भोपाल: चलती ट्रेन से लापता लेडी अर्चना तिवारी की मिस्ट्री सॉल्व हो गई है। वह परिजनों के साथ घर चली गई है। बीते 13 दिनों तक कई तरह की अटकलें लगती रही। वहीं, अर्चना तिवारी भी बचने के लिए दिमाग लगा रही थी। उसकी सारी चाल को आईपीएस राहुल लोढ़ा ने अपनी टीम के साथ विफल कर दिया है। साथ ही इस रहस्यमयी केस को उन्होंने सुलझा दिया है। आइए आपको बताते हैं कि अर्चना तिवारी मिस्ट्री को सुलझाने वाले रेल एसपी राहुल लोढ़ा कौन हैं।
कौन हैं आईपीएस राहुल लोढ़ा
दरअसल, राहुल लोढ़ा 2011 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनकी गिनती तेज तर्रार अधिकारियों में होती है। भोपाल में रेल एसपी के रूप में पोस्टिंग से पहले वह रतलाम जिले के एसपी थे। वहां बजरंग दल के साथ कुछ विवादों की वजह से रातोंरात उनका ट्रांसफर हो गया था। सितंबर 2024 में उन्होंने रेल एसपी के रूप में कमान संभाली थी।
आईबीएम की नौकरी छोड़कर शुरू की यूपीएससी की तैयारी
आईपीएस अफसर राहुल लोढ़ा मूल रूप से महाराष्ट्र स्थित जलगांव के रहने वाले हैं। 2008 में बीई कंप्लीट करने के बाद उन्होंने आईबीएम में नौकरी शुरू की थी। लेकिन मन हमेशा यूपीएससी की तैयारी में लगा रहता था। उन्होंने 2009 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी।
गुरुद्वारे में रातें बिताई
आईबीएम की नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी के लिए राहुल लोढ़ा दिल्ली पहुंच गए। दिल्ली के बारे में उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं थी। कोचिंग की तलाश के लिए शुरुआती दिनों में चांदनी चौक स्थित गुरुद्वारें में उन्होंने रातें बिताई। कई बार धर्मशाला में रुकना पड़ा। किसी तरह से लोगों से कोचिंग के बारे में पता करते-करते वह वहां तक पहुंचे। पहली बार में उनका दाखिला नहीं हुआ लेकिन हार नहीं मानी।
स्कॉलरशिप मिलने के बाद कोचिंग दाखिला
इस बीच उन्हें एक कोचिंग की स्कॉलरशिप मिल गई। इसकी वजह से उनकी पढ़ाई और रहना खाना फ्री हो गया। इसके बाद तैयारी में जुट गए। शुरुआती दिनों में जब उन्हें दाखिला नहीं मिल रहा था, तब वह कोचिंग के बाहर खड़े होकर छात्रों से बुक्स और नोट्स के बारे में पूछते थे, जिससे वह तैयारी करते थे।
कोचिंग में ही हुआ प्यार
वहीं, पढ़ाई के दौरान जोधपुर की रहने वाली शुभी से उनकी मुलाकात हुई। वह भी स्कॉलरशिप के जरिए ही कोचिंग में आई थी। दोनों के बीच अच्छी जान पहचान हो गई थी। एक-दूसरे से नोट्स शेयर करते थे। थर्ड अटेम्पट के बाद राहुल लोढ़ा घर गए तो अपनी मां को शुभी के बारे में बताया। इसके बाद मां ने हामी भर दी। मां की हामी के बाद उन्होंने शुभी को प्रपोज कर दिया। कुछ दिनों बाद हां में जवाब आया। फिर दोनों परिवारों ने बात की और शादी पक्की हो गई। राहुल लोढ़ा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 2011 में जब मेरा चयन आईपीएस के रूप में हुआ तो शुभी ने ही मुझे कॉल कर बताया था। मैं सिलेक्ट हो गया हूं। आईपीएस में चयन होने के बाद 2012 में हमदोनों की शादी हो गई।
गौरतलब है कि राहुल लोढ़ा के पिता बिजनेसमैन हैं और मां हाउस वाइफ हैं। अर्चना तिवारी की मिस्ट्री सॉल्व कर उन्होंने खूब वाहवाही लूटी है। विदेश जानें के बाद उन्होंने अपनी ट्रिक से उसे बॉर्डर के इस पार बुलवाया और लखीमपुर खीरी की पुलिस ने हिरासत में लिया।