उत्तर प्रदेश के मथुरा के गोवर्धन विधानसभा के अडिंग गांव की यादें भगवान कृष्ण से जुड़ी हुई हैं. मान्यता के अनुसार, यहां भगवान श्रीकृष्ण ने अड़कर दान गोपियों से मांगा था, जिससे इस गाँव का नाम अडिंग पड़ गया. आज भी भगवान कृष्ण की यादें अडिंग गाँव से जुड़ी हैं. यह गाँव द्वापर युग का है. भगवान श्रीकृष्ण ने इसी गांव में एक दैत्य का वध किया था, जो एक सांड के रूप में घूमता था. आइए जानते हैं इस गांव का नाम अडिंग कैसे पड़ा और क्या है इसकी मान्यता.
अहिष्टासुर वध की पावन कथा से जुड़ा है
भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से समृद्ध मथुरा जनपद में स्थित अडिंग गांव, न केवल अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके नामकरण के पीछे भी एक अद्भुत पौराणिक कथा जुड़ी हुई है. कहा जाता है कि यह वही भूमि है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अहिष्टासुर नामक राक्षस का वध किया था. इस दैत्य के अंत के बाद श्रीकृष्ण ने यहीं पर अड़कर दान मांगा था और इसी विशेष घटना के कारण इस स्थान का नाम पड़ा “अडिंग”.
श्री कृष्ण से जुड़ी हैं मान्यताएं
यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र है. उनके अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की यह लीला न केवल दान की महत्ता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस प्रकार भगवान ने अन्याय के विरुद्ध अड़कर धर्म की स्थापना की.
यहां धूमधाम से मनता है जन्माष्टमी
गांव के बुजुर्गों और स्थानीय जनों का मानना है कि अडिंग गांव में आज भी श्रीकृष्ण की इस पौराणिक घटना की झलक मिलती है. यहां स्थित पुरातन स्थल और मंदिर आज भी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. धार्मिक महत्त्व के साथ-साथ यह गांव ब्रज संस्कृति की जीवंत पहचान है, जहां हर वर्ष जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा और अन्य धार्मिक पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं.
सरकार और पुरातत्व विभाग से मांग की जा रही है कि इस ऐतिहासिक स्थल को विशेष धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए, जिससे श्रीकृष्णभक्तों को यहां की लीला भूमि को देखने और जानने का अवसर मिल सके.