भोपाल : महाकालेश्वर की श्रावण/भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में तीसरे सोमवार 28 जुलाई को भगवान महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में, हाथी पर मनमहेश के रूप में व गरूड़ रथ पर शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने उज्जैन नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष रौशन कुमार सिंह ने बताया कि महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी।
सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी जहॉ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। भगवान महाकालेश्वर की सवारी का सजीव प्रसारण महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के फेसबुक पेज के अलावा चलित रथ में एल.ई.डी. के माध्यम से सवारी मार्ग व उज्जैन के अन्य क्षेत्रों में श्रद्धालुओं को सजीव दर्शन के लिए व्यवस्था की गई है।
तीसरी सवारी में बैण्ड की प्रस्तुति होगी
भगवान महाकालेश्वर नगर भ्रमण पर निकलने वाली सवारी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए प्रसंग (थीम) अनुसार 28 जुलाई 2025 को निकलने वाली तृतीय सवारी में विभिन्न बैण्ड की प्रस्तुतियाँ दी जाएगी। जिसमें पुलिस बैण्ड, बीएसएफ बैण्ड, स्काउट गाईड, सरस्वती शिशु मंदिर खाचरौद, सरस्वती शिशु मंदिर बड़नगर, इम्पीरियल स्कूल खाचरौद, गोपालकृष्ण बैण्ड व कृष्णा मालवा बैण्ड सम्मिलित होंगे।
जनजातीय कला पथक दल एवं लोक नृतक सहभागिता करेंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप बाबा महाकालेश्वर की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए 4 जनजातीय कलाकारों के दल महाकालेश्वर भगवान की तीसरी सवारी में भी सहभागिता करेंगे। इन दलों में प्रतापसिंह डिण्डोरी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य, सुपुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य, सचिन चौधरी, जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य एवं संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियां सम्मिलित है।