भारत में दिखेगा चंद्र ग्रहण, ग्रहण से पहले और बाद में जरूर करें ये 5 काम

भाद्रपद पूर्णिमा यानी पितृपक्ष के पहले दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है और यह अद्भुत घटना 7 सितंबर दिन रविवार को घटित होगी. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य होगा. परंपरागत रूप से, चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले से ही शुरू हो जाता है. चंद्र ग्रहण को हमारे शास्त्रों में गहन आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व दिया गया है. ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को अशुभ ग्रह-योग माना जाता है, जो मन की शांति, गृहस्थ सुख और जलतत्व से जुड़े कार्यों पर असर डालता है. ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद कुछ कार्य अवश्य करना चाहिए.

9 घंटे पहले शुरू होगा सूतक काल
चंद्र ग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि आत्मनिरीक्षण और साधना का विशेष समय है. नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए शास्त्रों में स्नान, जप और दान का विशेष महत्व बताया गया है. चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई देगा इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल मान्य होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. दरअसल चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात 9 बजकर 57 मिनट से होगी और मध्य रात्रि 1 बजकर 27 मिनट को इसका समापन होगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 28 मिनट 2 सेकेंड की होगी.

ग्रहण से पहले करने योग्य कार्य
1- तुलसी पत्र या कुशा जल में डालकर रखें और भोजन/पानी को ढककर सुरक्षित करें.
2- घर के मंदिर के पट बंद कर दें और ईश्वर के मंत्र जप और ध्यान प्रारंभ करें, ताकि ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा का असर न हो. ऐसा करने से राहु और केतु की बेचैन ऊर्जा भी संतुलित हो जाती है.

ग्रहण के दौरान और बाद में करने योग्य कार्य
3- ग्रहण के समय धन, भावनात्मक या फिर कोई भी बड़ा निर्णय लेने से बचें.
4- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें.
5- ग्रहण के बाद दान अवश्य करें – विशेषकर तिल, चावल, गुड़ और कपड़े दान करने का विधान है, जिससे ग्रहण दोष शांत होता है.
ग्रहण के दौरान विशेष ध्यान रखें
ग्रहण काल में भोजन, सोना, यात्रा और शुभ कार्य निषिद्ध माने गए हैं.
गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए – कैंची, सुई या धारदार वस्तुओं का प्रयोग वर्जित है.