उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल काउंसिल ने दिल्ली की डॉक्टर शाहीन का मेडिकल पंजीकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है. काउंसिल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक यह कार्रवाई इंडियन मेडिकल काउंसिल (प्रोफेशनल कंडक्ट, एटीकेट एंड एथिक्स) रेगुलेशन-2002 के उल्लंघन के आधार पर की गई है. डॉक्टर शाहीन पर धमाके की साजिश में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं.
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी उनकी सदस्यता खत्म कर दी थी. आईएमए कानपुर ब्रांच की पहल पर दिल्ली मुख्यालय ने यह कदम उठाया था. डॉक्टर शाहीन साल 2006 से 2013 तक कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फार्माकोलॉजी विभाग में लगभग 8 साल तक लेक्चरर रहीं. इसके बाद उन्होंने करीब 15 महीने तक विभागाध्यक्ष (head of department) का दायित्व भी संभाला.
डॉक्टर आरिफ पर भी हो सकता है एक्शन
इसी मामले में कानपुर कार्डियोलॉजी में तैनात रहे सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर मोहम्मद आरिफ मीर का रजिस्ट्रेशन भी जल्द निरस्त हो सकता है. बताया जा रहा है कि संस्थान प्रशासन ने उन्हें बर्खास्त करने और वेतन रोकने का प्रस्ताव चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय (Directorate General of Medical Education) को भेज दिया है. जम्मू-कश्मीर मूल के डॉक्टर आरिफ को नीट-एसएस 2025 में 1608 रैंक के साथ एक अगस्त 2025 को डीएम कार्डियोलॉजी में प्रवेश मिला था.
दोनों का नाम दिल्ली ब्लास्ट में शामिल
पहले उन्होंने एसजीपीजीआई लखनऊ के लिए आवेदन किया था, लेकिन सीट नहीं मिलने पर दूसरी काउंसलिंग में यह सीट उन्हें आवंटित हुई, जो डॉक्टर यासिर के एएमयू में चले जाने से खाली हुई थी. दोनों ही मामलों में अब सुरक्षा एजेंसी के साथ अन्य विभाग भी कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. दोनों आरोपियों का नाम दिल्ली ब्लास्ट मामले में आने के बाद से मेडिकल संस्थाएं इनके नाम के साथ अपनी संस्था का नाम जोड़े रखना नहीं चाहती.
यही कारण था कि कानपुर मेडिकल कॉलेज में तैनात रहीं डॉक्टर शाहीन का नाम भी कॉलेज के बोर्ड से हटा दिया गया है. कार्डियोलॉजी में तैनात रहे डॉक्टर आरिफ के संबंध में भी अब कोई बात नहीं करना चाहता है. सभी इस बात से हैरान है कि कैसे एक व्हाइट कॉलर जॉब वाला डॉक्टर इस तरह की आतंकी गतिविधियों में शामिल हो सकता है.
