जबलपुर : 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू हो रही हैं लेकिन यदि किसी व्यापारी ने किसी ग्राहक को फायदा नहीं दिया तो ग्राहक इसकी शिकायत कहीं नहीं कर पाएगा. दरअसल, जीएसटी ने शिकायत करने वाला सिस्टम बंद कर दिया है. वहीं, 22 सितंबर के बाद आम उपभोक्ताओं से जुड़े बहुत से प्रोडक्ट सस्ते हो जाएंगे लेकिन लोगों को एमआरपी का ध्यान रखना होगा क्योंकि फिलहाल बाजार में पुरानी एमआरपी के प्रोडक्ट बिक रहे हैं, जिसमें ज्यादा जीएसटी दरें हैं.
बीते दिनों भारत सरकार की जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी की दरों में भारी कटौती की हैं. यह परिवर्तन 22 सितंबर से लागू हो जाएगा और लोगों को बाजार में बिकने वाला सामान 5 से 10% तक सस्ता मिलेगा. 22 सितंबर को नवरात्रि शुरू होते ही जीएसटी की नई दरें लागू हो जाएंगी.
आईसक्रीम और पनीर होगा सस्ता
22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होते ही पैक्ड पनीर, मक्खन और दही का दाम पांच प्रतिशत कम हो जाएगा क्योंकि जीएसटी की नई दरों में इन सभी मिल्क प्रोडक्ट से जीएसटी खत्म कर दी गई है. हालांकि, खुले या पाउच वाले दूध के दाम पर फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि इसपर पहले भी जीएसटी लागू नहीं थी, केवल टेट्रा पैक मिल्क पर जीएसटी काम की गई है. इनके दामों में एक से दो रुपए तक का फर्क हो सकता है.
आइसक्रीम 13 प्रतिशत सस्ती
खाद्य पदार्थ में सबसे बड़ा फर्क आइसक्रीम पर देखने को मिलेगा. आइसक्रीम पर अभी तक 18% टैक्स था, जिसे घटाकर 5% कर दिया है. इसलिए अब आइसक्रीम 13% कम दाम पर मिलेगी.
एमआरपी पर टकराव
अभी बाजार में काफी माल मौजूद है, जिसमें एमआरपी बड़ी हुई दरों पर हैं. ऐसी स्थिति में ग्राहक को जीएसटी की नई दरों का फायदा लेने के लिए खुद सतर्क होना होगा और व्यापारियों से मोलभाव करना होगा.
किसानों को जीएसटी से बंपर फायदा
जबलपुर के व्यापारी रजत भार्गव ने बताया, '' ट्रैक्टर के टायर पर पहले 18% जीएसटी था, यह घटकर 5% हो गया है. एक जानकार किसान हमसे टायर खरीदने के लिए आए थे लेकिन उन्होंने 22 सितंबर के बाद टायर खरीदने का निर्णय लिया है क्योंकि अभी जो टायर उन्हें 42000 में मिल रहा था वह 22 सितंबर से लगभग 37000 में मिलेगा. इसी तरह खेती के कई दूसरे सामानों से जीएसटी 18 से घटकर 5% कर दी गई है.''
मुनाफाखोरी की शिकायत वाला पोर्टल बंद
जबलपुर के नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने पोर्टल बंद होने पर चिंता जाहिर की है. मंच के सदस्य डॉक्टर पीजी नाज पांडे ने कहा, '' भले ही 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू हो रही हैं लेकिन यदि कोई विक्रेता किसी ग्राहक को घटी हुई जीएसटी पर सामान देने को तैयार नहीं होता है तो उपभोक्ता क्या करेगा? ऐसी स्थिति में जीएसटी काउंसिल ने anti profiteering जांच सिस्टम चालू किया था. इस सिस्टम पर जाकर कोई भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता था लेकिन यह सिस्टम 31 मार्च से ही बंद पड़ा हुआ है. ऐसी स्थिति में आम आदमी के पास शिकायत करने का कोई फोरम नहीं बचा है.''
मोबाइल फोन महंगा होगा
भले ही जीएसटी के नए बदलावों के बाद बहुत सी चीजें सस्ती हो रही हैं लेकिन मोबाइल फोन पर जीएसटी बढ़ा दी गई है और 22 तारीख के बाद मोबाइल फोन 12% की बजाय 18% जीएसटी के दायरे में आ जाएगा. ब्रांडेड कपड़े भी जिनकी कीमत 1000 से ज्यादा है उन पर 12 की बजाय 18% जीएसटी देना होगा.
जीएसटी की दरों में परिवर्तन बाजार में बिक्री को बढ़ाएगा. एक ओर जीएसटी की दरें कम करने से सरकार को टैक्स कम मिलेगा लेकिन दूसरी ओर यदि बिक्री बढ़ गई तो भी सरकार का खजाना भर जाएगा. बाजार के लिए बिक्री बढ़ाना जरूरी है. बिक्री बढ़ने से ही उत्पादन बढ़ेगा और इससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे.