‘जन्मदिन’ बहाना, युवाओं को साधना असली निशाना: कांग्रेस की नई रणनीति में मोदी पर भी वार

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल में हुआ था. इस तरह राहुल गांधी गुरुवार को 55 साल के हो गए हैं. राहुल की जिंदगी के 55 साल का सफर ऐसे समय पर पूरा हुआ है, जब उनकी पार्टी कई चुनौतियों से गुजर रही है. कांग्रेस के हाथों से एक के बाद एक राज्य की सत्ता निकलती जा रही है और जनाधार लगातार सिमटता जा रहा है. ऐसे में राहुल गांधी के जन्मदिन के बहाने यूथ कांग्रेस ने युवाओं को पार्टी से जोड़ने का एक खास प्लान बनाया है, जिसके जरिए मकसद मोदी सरकार पर निशाना साधना भी है और युवाओं के दिल में जगह बनाने की स्ट्रैटेजी भी है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुवाई में बीजेपी 11 साल से सत्ता पर काबिज है और देश के आधे से ज्यादा राज्यों में उसकी सरकार है. 2024 में बीजेपी को बहुमत के आंकड़े से पीछे रखने में कांग्रेस जरूर कामयाब रही, लेकिन उसे सत्ता से बाहर नहीं कर सकी. ऐसे में राहुल के सामने गांधी परिवार की सियासी विरासत को बचाए रखने के साथ-साथ कांग्रेस को दोबारा से खड़े करने की चुनौती है. यही वजह है कि राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन के मौके पर दिल्ली में यूथ कांग्रेस ने रोजगार मेला लगाकर युवाओं को साधने के साथ मोदी सरकार को नौकरी के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने की प्लानिंग की है.

यूथ कांग्रेस का दिल्ली में रोजगार मेला

राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर बुधवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में यूथ कांग्रेस ने एक बड़ा रोजगार मेला आयोजित किया है. इस मेले में देश की तमाम बड़ी प्राइवेट कंपनियां आ रही हैं, जिसके लिए कांग्रेस नेता कई दिनों से प्रचार-प्रसार करके लोगों को जुटाने का काम कर रहे थे. माना जा रहा है कि इस रोजगार मेले में 100 से भी ज्यादा कंपनियां हिस्सा लेंगी और युवाओं को उनकी काबिलीयत के लिहाज से रोजगार देंगी. दिल्ली यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय लाकड़ा के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर का यह सबसे बड़ा रोजगार मेला है.

दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रोजगार मेला सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक चलेगा. रोजगार के लिए 20 हजार युवाओं ने अपने पंजीकरण कराए हैं. रोजगार मेले में आने वाली कंपनियों में जेप्टो, एयरटेल, ब्लिंकिट, टाटा, एचडीएफसी बैंक, फ्लिपकार्ट, महिंद्रा और एक्सिस बैंक शामिल हो रही हैं. इसके अलावा कई आईटी कंपनियां और कंसल्टेंसी कंपनी भी शिरकत करेंगी. दिल्ली के रोजगार मेले में भर्ती करने वाली कंपनियां करीब 5,000 रिक्तियों की पेशकश करेंगी.

युवाओं को कांग्रेस से जोड़ने का प्लान

राहुल गांधी और कांग्रेस लगातार रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ी करती रही हैं. कांग्रेस कहती रही है कि पीएम मोदी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया. कांग्रेस दो करोड़ नौकरी वाले मुद्दे पर मोदी सरकार को संसद से लेकर सड़क तक घेरती रही है. राहुल गांधी के 55वें जन्मदिन पर रोजगार मेला लगाकर कांग्रेस ने एक तीर से कई सियासी शिकार करने की स्ट्रैटेजी बनाई है. एक तरफ युवाओं को साधने का प्लान है तो दूसरी तरफ मोदी सरकार को रोजगार देने के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा करने की योजना है.

देवेंद्र यादव कहते हैं कि रोजगार मेले का यह आयोजन देश के युवाओं के प्रति राहुल गांधी की चिंता को प्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है. राहुल ने संसद और सार्वजनिक सभाओं में लगातार बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है और इस बात पर रोशनी डाली है कि कैसे सरकार के वादे रोजगार में तब्दील नहीं हुए हैं. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का वादा किया था, लेकिन खुद सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि देश में पिछले 40-50 सालों में बेरोजगारी अब सबसे अधिक है. बेरोजगारी के मुद्दे को सबसे अधिक प्रमुखता से राहुल गांधी ने सड़क से लेकर संसद तक लगातार उठाया है. वो देश के बेरोजगार युवाओं की मुखर आवाज बने हैं.

युवाओं को साधने का लार्जर प्लान

कांग्रेस ने रोजगार मेले के आयोजन के जरिए सिर्फ दिल्ली ही नहीं, देशभर में युवाओं को साधने की तैयारी शुरू कर दी है. तालकटोरा स्टेडियम में लगने वाले रोजगार मेले में कांग्रेस युवा नेता जुटेंगे, जिसमें यूथ कांग्रेस के नेताओं के साथ-साथ सचिन पायलट, इमरान प्रतापगढ़ी से लेकर कन्हैया कुमार जैसे पार्टी के कई युवा शामिल होंगे. यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब कहते हैं कि कांग्रेस रोजगार मेले के आयोजन को दिल्ली तक सीमित नहीं रखेंगी बल्कि वह आने वाले दिनों में देश के अलग-अलग सूबों में आयोजन कराने की प्लानिंग की है.

उदय भानु चिब कहते हैं इससे पहले यूथ कांग्रेस ने ऐसा ही रोजगार मेला राजस्थान में आयोजित किया था, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी मिली थी. उसी तर्ज पर ही दिल्ली में रोजगार मेला लगाने का प्लान बनाया गया है, जहां पर एनसीआर के युवाओं को सीधे कंपनियों के साथ इंटरव्यू का मौका मिलेगा. ऐसे में साथ ही साथ बहुत से युवाओं को ऑफर लेटर दिया जाएगा. रोजगार मेले में हर स्तर की शैक्षिक योग्यता के लिए नौकरी देने की व्यवस्था होगी, चाहें 12वीं पास हो या पीएचडी.

कांग्रेस चुनावी राज्यों में लगाएगी जॉब फेयर

कांग्रेस ने युवाओं को साधने के लिए सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि चुनाव संभावित राज्यों में रोजगार मेलों के आयोजन कराने की स्ट्रैटेजी बनाई है. दिल्ली के बाद जल्द ही बिहार में भी कांग्रेस रोजगार मेले का आयोजन कर सकती है, जहां इसी साल आखिर में विधानसभा चुनाव है. उसके बाद अगले साल 2026 में केरल, बंगाल, असम और तमिलनाडु व पुद्दुचेरी में चुनाव होने हैं. इसके अलावा 2027 में गोवा, यूपी, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश व मणिपुर में चुनाव होने हैं. ऐसे में कांग्रेस इन राज्यों में नौकरी के मुद्दे को सियासी धार देने और युवाओं को साधने के लिए रोजगार मेले का आयोजन कराने का दांव चल सकती है.

मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस रोजगार के मुद्दे को सियासी एजेंडे के तौर पर सेट करना चाहती है. राहुल गांधी लगातार रोजगार के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने में जुटे ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर युवाओं और छात्रों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर बात कर रहे हैं. कांग्रेस ने कन्हैया कुमार के नेतृत्व में बिहार में रोजगार और पलायन के मुद्दे पर यात्रा निकाली थी, जिसमें राहुल गांधी भी बेगुसराय में शामिल हुए थे. इसके बाद राहुल गांधी दरभंगा में दलित-ओबीसी छात्रों से संवाद करने पहुंचे थे. कांग्रेस अपने चुनावी घोषणापत्र में युवाओं को रोजगार देने का जिक्र करती रही है. इस तरह से कांग्रेस की युवाओं को साधने की कवायद के तौर पर रोजगार मेले को देखा जा रहा है.