विदेश दौरे पर रवाना होंगे मोदी, पड़ोसी देशों से रिश्ते मजबूत करने पर फोकस

प्रधानमंत्री मोदी 29 अगस्त से जापान और चीन के दौरे पर जा रहे हैं. चीन यात्रा पर विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर 31 अगस्त और 1 सितंबर को शंघाई सहयोग परिषद (SCO के राष्ट्राध्यक्षों की 25वीं बैठक के लिए चीन के तियानजिन जाएंगे.

SCO की स्थापना आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद का मुकाबला करने के प्राथमिक लक्ष्य के साथ की गई थी, जो अभी भी एक चुनौती बनी हुई हैं. SCO में 10 सदस्य हैं. भारत के अलावा, इनमें बेलारूस, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, पाकिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.

मोदी चीन में द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे
तियानजिन में 31 अगस्त की शाम स्वागत भोज होगा और शिखर सम्मेलन 1 सितंबर को आयोजित होगा. प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी की जापान और चीन की यात्रा पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें आयोजित की जाएंगी. हम अभी भी उन बैठकों को अंतिम रूप दे रहे हैं और आपको उनकी कार्यवाही के बारे में जानकारी देते रहेंगे. बैठकों से पहले, यह अनुमान लगाना और कहना कि बैठकों में क्या चर्चा होगी और क्या नहीं, शायद मेरे लिए थोड़ा जल्दबाजी होगी.’

विदेश सचिव बोले- मोदी-इशिबा पहली बार मिलेंगे
मिस्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी 28 अगस्त की शाम को जापान की आधिकारिक यात्रा पर जा रहे हैं. वह जापान के प्रधानमंत्री महामहिम शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 29 और 30 अगस्त को जापान में रहेंगे.

यह प्रधानमंत्री मोदी की प्रधानमंत्री इशिबा के साथ पहली वार्षिक शिखर बैठक है. यह लगभग 7 वर्षों में उनकी यह पहली जापान यात्रा भी है. मोदी 2018 में जापान गए थे. यह एक ऐसी यात्रा होगी जो पूरी तरह से भारत और जापान के बीच द्विपक्षीय एजेंडे को समर्पित होगी.

2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह प्रधानमंत्री की जापान की आठवीं यात्रा भी है और यह हमारे विदेशी संबंधों में इस विशेष संबंध की अत्यधिक उच्च प्राथमिकता को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री जापानी और भारतीय उद्योग जगत के लोगों से मिलेंगें
जापान यात्रा पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘भारत और जापान के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन की एक विशेषता दोनों नेताओं के बीच राजधानी के बाहर बातचीत है और इस अवसर पर भी, कार्यक्रम में टोक्यो के बाहर एक यात्रा शामिल है, जो दोनों नेताओं के लिए उत्सुकता का विषय है.

कार्यक्रम में जापान के कई अन्य राजनीतिक नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बातचीत भी शामिल है. प्रधानमंत्री जापानी और भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख लोगों के साथ एक व्यापार नेताओं के मंच में भी भाग लेंगे. इन मुलाकातों का उद्देश्य दोनों देशों के बीच अत्यंत महत्वपूर्ण व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी संबंधों को गहरा करना है.”