मानसून सत्र: कांग्रेस ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति, संसद में गूंजेगा बिहार में SIR का मुद्दा

नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी मानसून सत्र में सरकार कुछ नए बिल पेश करने की तैयारी में है. मुख्य विपक्षी पार्टी ने कांग्रेस ने भी संसद में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने में जुट गई है.

इसी कड़ी में, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार शाम 10, जनपथ स्थित अपने आवास पर पार्टी के संसदीय रणनीति समूह के साथ बैठक की. जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी और जयराम रमेश, के. सुरेश और मणिकम टैगोर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया.

रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में कांग्रेस नेतृत्व ने आगामी मानसून सत्र में पहलगाम आतंकी हमला, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध जैसे मुद्दों को उठाने का फैसला किया है. साथ ही कांग्रेस मानसून सत्र के दौरान किसानों की समस्याओं, बढ़ती बेरोजगारी, देश की सुरक्षा और अहमदाबाद विमान दुर्घटना के मुद्दों को भी उठाएगी.

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहलगाम में 26 लोग मारे गए थे और कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी. उन्होंने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि वे आतंकवादी कहां हैं जिन्होंने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की और हमारी बहनों को विधवा बना दिया? उनके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?"

पहलगाम हमले पर सरकार से जवाब मांगेगी कांग्रेस
तिवारी ने कहा कि पहलगाम हमले पर सरकार से जवाब मांगना कांग्रेस की पहली प्राथमिकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि इलाके में कोई सुरक्षा तैनात नहीं थी और कोई त्वरित प्रतिक्रिया दल भी नहीं था. उन्होंने आगे कहा कि जब पूरा देश इस हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा था. इसके बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, लेकिन अचानक युद्धविराम की घोषणा कर दी गई.

क्या कांग्रेस प्रधानमंत्री से जवाब मांगेगी, इस सवाल पर तिवारी ने कहा, "निश्चित रूप से, जब पुरस्कार लेने की बात होती है तो प्रधानमंत्री आगे होते हैं. जब 26 कीमती जानें जा चुकी हैं, तो प्रधानमंत्री को इस पर भी जवाब देना होगा."

कांग्रेस नेता ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 22 बार दावा किया है कि उन्होंने युद्धविराम करवाया है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप के दावों का एक बार भी खंडन नहीं किया है. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप के 22 बार किए गए दावों पर प्रधानमंत्री मोदी की रहस्यमयी चुप्पी बेहद चौंकाने वाली है."

हमले के लिए कौन जिम्मेदार
तिवारी ने सवाल किया कि वे खूंखार आतंकवादी कहां हैं? क्या उन्हें धरती ने निगल लिया है या आसमान ने? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? उन्होंने कहा कि हमारी चिंता यह है कि पहलगाम में खुफिया और सुरक्षा चूक क्यों हुई, इसके लिए कौन जिम्मेदार है और नैतिक रूप से कौन जिम्मेदार है और वे आतंकवादी कहां हैं. हमें उम्मीद है कि सरकार हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की अनुमति देगी. कांग्रेस नेता ने कहा, "हम निश्चित रूप से इस बात का जवाब मांगेंगे कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई."

बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि इससे पहले हरियाणा और महाराष्ट्र में लोकतंत्र की 'हत्या' की गई थी और अब बिहार में जो कुछ सामने आ रहा है वह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा, "बिहार में मतदाता सूची का SIR लोकतंत्र के लिए खतरा है." उन्होंने आगे कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी.