NDA को नैतिक समर्थन…हार की समीक्षा बैठक में तेज प्रताप यादव की पार्टी का ऐलान

नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल की जमानत जब्त हो गई. इसके बाद रविवार को तेज प्रताप यादव के आवास पर समीक्षा बैठक की गई. इस बैठक में चुनाव में मिली करारी हार पर उम्मीदवारों ने अपनी बातें रखीं. बैठक के बाद जेजेडी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम यादव ने कहा कि जनशक्ति जनता दल ने एनडीए को नैतिक समर्थन देने का फैसला किया है.

बैठक में कहा गया कि रोहिणी आचार्य के साथ जो हुआ है, उसका बदला लेंगे. उन्होंने कहा कि आरजेडी अब संजय यादव की पार्टी हो गई है, तेजस्वी यादव की पार्टी भी नहीं रही. लालू यादव की नई पार्टी जनशक्ति जनता दल है. आरजेडी से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप ने अपनी अलग पार्टी बनाई थी, जिसका नाम उन्होंने जनशक्ति जनता दल रखा. इसके बाद उन्होंने महुआ से ही चुनाव लड़ने की ठानी, जहां से वो पहली बार 2015 में विधायक बने थे.

तेज प्रताप यादव ने अपनी बहन रोहिणी आचार्य के कथित अपमान पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मेरे साथ जो हुआ, उसे मैंने सह लिया, लेकिन मेरी बहन का अपमान किसी भी हाल में असहनीय है. तेज प्रताप ने कुछ लोगों को ”जयचंद” बताते हुए कहा कि बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करेगी. उन्होंने अपने पिता और आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से आग्रह किया है कि वे केवल एक संकेत दें, जिसके बाद बिहार की जनता ऐसे ‘जयचंदों’ को सबक सिखा देगी.

तेज प्रताप की पार्टी जेजेडी ने कुल 22 उम्मीदवार उतारे थे. सभी सीटों पर जमानत जब्त हो गई. तेज अपनी सीट भी नहीं बचा पाए. वह महुआ से चुनाव लड़ रहे थे. यहां वह तीसरे नंबर पर रहे. 51938 वोट से चुनाव हार गए. लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के संजय कुमार सिंह ने हराया. तेज प्रताप की उम्मीदवारी के बाद यह सीट काफी चर्चा में आ गई थी.

महुआ सीट लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास संजय कुमार सिंह ने जीत हासिल की. उन्होंने तेज प्रताप को 51938 वोटों से हराया. संजय को 87641 वोट मिले जबकि RJD के मुकेश कुमार रौशन 42644 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे. तेज प्रताप तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 35703 वोट मिले. 2015 के चुनाव में तेज यहां से विधायक चुने गए थे. वैशाली जिले की महुआ सीट पर पहले चरण में छह नवंबर को मतदान हुआ था.