नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भारत के सभी नागरिकों को हर साल मुफ्त स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार देने की मांग की है। आप सांसद कहना है कि कोविड-19 महामारी के बाद हार्ट अटैक और अन्य गंभीर बीमारियों के मामले बढ़े हैं, इसके बाद अब यदि समय पर बीमारियों का पता लगने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
सांसद चड्ढा ने अपील की कि प्रत्येक नागरिक को सालाना स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार मिलना चाहिए। सांसद का तर्क है कि कोविड के बाद दिल की बीमारियां और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी हैं, और समय पर निदान से लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि कई विकसित देश अपने नागरिकों को मुफ्त सालाना स्वास्थ्य जांच की सुविधा देते हैं, जिसका खर्च सरकार वहन करती है। आप सांसद चड्ढा ने जोर दिया कि स्वास्थ्य सेवाएं केवल अमीरों के लिए नहीं होनी चाहिए; सभी को नियमित जांच की सुविधा मिलनी चाहिए, चाहे वे गरीब हों या अमीर।
बात दें कि चड्ढा की यह टिप्पणी तब आई है जब हाल ही में कई युवा और स्वस्थ दिखने वाले लोगों में भी अचानक दिल का दौरा, स्ट्रोक और अन्य गंभीर बीमारियां देखी गई हैं। भारत में हर साल होने वाली 70 प्रतिशत से अधिक मौतें दिल से जुड़ी बीमारी, कैंसर, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और फेफड़ों की बीमारी जैसी गैर-संचारी बीमारियों के कारण होती हैं। लेकिन नियमित जांच से इन बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है। मोदी सरकार ने इस साल की शुरुआत में एक राष्ट्रव्यापी एनसीडी जांच अभियान शुरू किया था। इसका उद्देश्य 30 साल और उससे अधिक उम्र के सभी लोगों की डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ओरल, ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों के लिए जांच करना था। यह अभियान आयुष्मान आरोग्य मंदिर और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर चलाया गया और इसने अपने 89.7 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा किया है।
सांसद राघव चड्ढा की अपील, सभी नागरिकों को हर साल मुफ्त स्वास्थ्य जांच का कानूनी अधिकार मिले
