क्रिकेट में चमक रहा एमपी का सितारा, एमपीएल बना प्रतिभा का हब

भारतीय क्रिकेट में मध्य प्रदेश ने अहम योगदान दिया है. महानआर्यमन सिंधिया ने कहा, लंबे समय से इस राज्य को क्रिकेट में अहम भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. हालांकि, अब राष्ट्रीय क्रिकेट केंद्र बनने की दिशा में यह साहसिक कदम उठा रहा है. इसके पीछे की वजह है मध्य प्रदेश प्रीमियर लीग (एमपीएल) जोकि 12 जून से शुरू हो रही है. यह लीग 12 जून से 24 जून तक चलेगी.

समय के साथ लोगों के बीच में MPL का क्रेज बढ़ता जा रहा है. यह मैच इस साल ग्वालियर में खेले जाएंगे. एमपीएल के लोकप्रियता हासिल करने और अनिकेत वर्मा जैसे खिलाड़ियों के आईपीएल में दाखिल होने के साथ ही एमपी एक नया क्रिकेट अध्याय लिखा जा रहा है.

क्रिकेट में MP का योगदान
मध्य प्रदेश के इतिहास को देखे तो क्रिकेट को लेकर यहां का क्रेज साफ दिखाई देता है. साथ ही एमपी ने भारत को कई क्रिकेटर्स भी दिए. ऐतिहासिक रूप से, एमपी भारत के कुछ शुरुआती क्रिकेट दिग्गजों का घर रहा है. 1940 और 50 के दशक की होल्कर टीम, जिसका नेतृत्व सी.के. नायडू और सैयद मुश्ताक अली ने किया. वो डोमेस्टिक क्रिकेट में सबसे मजबूत टीमों में से एक थे. इंदौर में उनके आधार ने राज्य की क्रिकेट संस्कृति की नींव रखी, जिसके बाद के दशकों में भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर में क्लब और अकादमियां बनाई गईं. इसी के जरिए लोगों के बीच क्रिकेट न सिर्फ देखने बल्कि खेलने का क्रेज बढ़ा.

हाल के सालों में, नरेंद्र हिरवानी, नमन ओझा, वेंकटेश अय्यर और रजत पाटीदार जैसे नामों ने मध्य प्रदेश की तरफ सभी का ध्यान खींचा है. पाटीदार के विस्फोटक आईपीएल शतक और अय्यर के भारतीय टी20 टीम में उभरने से मध्य प्रदेश को क्रिकेट की दुनिया में आगे बढ़ने के लिए नए रास्ते मिले हैं. लेकिन साथ ही जो चीज एमपी के लिए क्रिकेट की दुनिया में अगले अध्याय लिख रही है वो है एमपीएल, जो कई प्लेयर्स को बड़ा मौका दे रहा है.

MPL क्यों है इतना खास?
एमपीएल पर बात करते हुए महानआर्यमन सिंधिया ने कहा, सिर्फ एक टूर्नामेंट नहीं है- यह एक प्रतिभा इंजन है. अपनी फ्रेंचाइजी-आधारित संरचना और जमीनी स्तर पर खोज के जरिए एमपीएल अनसुनी आवाजों और अनदेखी प्रतिभाओं के लिए एक मंच बन गया है. इस आंदोलन के ब्रेकआउट स्टार अनिकेत वर्मा हैं, जो पहले एक अज्ञात नाम था, जिसने फिर एमपीएल में अपनी एक पहचान बनाई और स्टेज का भरपूर इस्तेमाल किया. आज एमपीएल से निकलकर अनिकेत वर्मा इंडियन प्रीमियर लीग में शामिल है.

एमपीएल कस्बों और गांवों के खिलाड़ियों को प्रोफेशनल क्रिकेट के लिए दिशा दे रहा है, कुछ ऐसा जो दशकों से नहीं मिल रहा था. बढ़ते बुनियादी ढांचे, उत्साही फ्रेंचाइजी के साथ मध्य प्रदेश अब क्रिकेट की दुनिया में शांति से योगदान करने वाला प्रदेश नहीं रह गया है. यह अपने आप में क्रिकेट का पावरहाउस बनता जा रहा है, ठीक उसी तरह जैसे कुश्ती में हरियाणा है.

जैसे-जैसे यह आंदोलन रफ्तार पकड़ रहा है, एक बात तय है कि भारतीय क्रिकेट में मध्य प्रदेश का वक्त आ गया है.