नवी मुंबई पुलिस ने खोला करोड़ों का शेयर ट्रेडिंग घोटाला, चीन और कंबोडिया से जुड़े मामले का खुलासा

व्यापार: नवी मुंबई पुलिस ने चीन और कंबोडिया से जुड़े शेयर ट्रेडिंग धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने निवेशकों से करोड़ों रुपये  ठगने वाले सात लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि इस सफलता के परिणामस्वरूप, साइबर पुलिस ने भारत के कई राज्यों में 118 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। साथ ही धोखाधड़ी वाले लेनदेन से जुड़ी कुल 32.5 लाख रुपये की राशि सुरक्षित कर ली है। 

कैसे हुआ इस धोखाधड़ी का पर्दाफाश?
अधिकारियों ने बताया कि साइबर अपराध शाखा ने एक पीड़ित के मामले की जांच करते हुए धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया, जिसके साथ 1.07 करोड़ रुपये की ठगी हुई थी। जांच में सामने आया कि धोखेबाजों ने 2 सितंबर से 8 अक्तूबर के बीच कई पीड़ितों को निशाना बनाया। उन्हें विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर निवेश विज्ञापनों के माध्यम से शेयर बाजार व्यापार में उच्च लाभ का वादा करने के बाद कई बैंक खातों में पैसा भेजने का लालच दिया।

बड़े मुनाफे का झूठा वादा?
उन्होंने निवेश की गई राशि पर एक बड़ा, लेकिन आभासी, मुनाफा दिखाने के लिए एक फर्जी ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल किया और पीड़ितों को झूठे मुनाफे के आधार पर बड़ी रकम निवेश करने का लालच दिया। पुलिस के अनुसार, बाद में धोखेबाजों ने पीड़ितों का मूल निवेश वापस करने से इनकार कर दिया।

नवी मुंबई पुलिस ने जानकारी दी कि चीन और कंबोडिया में साइबर धोखाधड़ी करने वालों से जुड़े एक नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया गया है। साइबर पुलिस टीम ने शुरुआत में सुरेश तालेकर (29) और उसके साथी विकास आव्हाड (30) को पुणे से गिरफ्तार किया। तीसरे आरोपी (जिसे गिरफ्तार नहीं किया गया) से आगे की जांच से पता चला है कि उसने तीन अज्ञात हिंदी भाषी व्यक्तियों से मुलाकात की थी, जिनके दूसरे राज्य से होने का संदेह है, और उन्होंने नवी मुंबई के महापे स्थित एक होटल में कुछ बैंक खातों से जुड़े सिम कार्ड सौंपे थे।

टेलीग्राम एप के जरिए धोखेबाज थे संपर्क में
पुलिस ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सीधे अंतरराष्ट्रीय संबंध का पता चला है, क्योंकि उनमें से तीन टेलीग्राम एप के जरिए चीन और कंबोडिया में साइबर धोखेबाजों के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों की मुख्य भूमिका एक एप्लीकेशन का उपयोग कर चालू बैंक खाते के लेनदेन से उत्पन्न वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) को विदेश में अपने संचालकों तक पहुंचाना था। पुलिस ने लोगों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर शेयर बाजार में निवेश के विज्ञापनों से सावधान रहें और अधिक लाभ कमाने के प्रलोभन में न आएं।