NCLAT ने रिलायंस रियल्टी को झटका दिया, इंडिपेंडेंट टीवी से वसूली की अपील खारिज

व्यापार: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की सहयोगी कंपनी रिलायंस रियल्टी की अपील को खारिज कर दिया है। कंपनी ने इंडिपेंडेंट टीवी से किराया और संपत्ति की वसूली के लिए याचिका दायर की थी।

एनसीएलटी के आदेश को रखा बरकरार
ट्रिब्यूनल ने मुंबई बेंच के राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि इंडिपेंडेंट टीवी (पूर्व में रिलायंस बिग टीवी) की लिक्विडेशन प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी होनी चाहिए और इसे किसी भी तरह की देरी से बचाया जाना चाहिए।

लिक्विडेशन प्रक्रिया को बाधित करने का अधिकार नहीं 
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि लिक्विडेशन प्रक्रिया को अपीलकर्ता की ओर से बाधित या भटकाया नहीं जा सकता, जिसने अब तक संपत्ति के स्वामित्व को लेकर कोई ठोस आपत्ति नहीं उठाई थी। पीठ ने यह भी कहा कि लिक्विडेटर को कॉरपोरेट देनदार की सभी मूवेबल संपत्तियों को लीज परिसर से हटाने की अनुमति है और रिलायंस रियल्टी को इसमें रुकावट डालने से रोका गया है।

क्या है मामला?
बता दें कि रिलायंस रियल्टी ने 27 नवंबर 2017 धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी (DKAC) परिसर का एक हिस्सा इंडिपेंडेंट टीवी को किराये पर दिया था, ताकि वह अपना डायरेक्ट-टू-होम (DTH) कारोबार और सामान भंडारण का काम चला सके। 

इंडिपेंडेंट टीवी, जिसने 27 नवंबर 2017 को शेयर शेयर खरीद समझैते के तहत रिलायंस समूह से डीटीएच कारोबार खरीदा था, अब पूरी तरह लिक्विडेशन की प्रक्रिया में है। उसी दिन कंपनी को परिसर उपयोग के लिए एक ड्राफ्ट एग्रीमेंट भी दिया गया था।

शुरुआती दौर में कंपनी ने किराया, बिजली और मेंटेनेंस शुल्क अक्तूबर 2018 तक नियमित रूप से चुकाया, लेकिन इसके बाद भुगतान बंद हो गया। भुगतान न होने पर 26 फरवरी 2020 को कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई। इसके बाद कंपनी के सीईओ ने दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी)  के प्रावधानों के तहत सभी संपत्तियां रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल को सौंप दीं।

रिलायंस रियल्टी का क्या है तर्क?
खरीदार न मिलने के कारण एनसीएलटी ने 17 मार्च 2023 को कंपनी की लिक्विडेशन प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया, जिसके बाद ई-नीलामी का नोटिस जारी हुआ। हालांकि, लिक्विडेशन प्रक्रिया के दौरान रिलायंस रियल्टी ने संभावित बोलीदाताओं को संपत्तियों के निरीक्षण की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कंपनी ने तर्क दिया कि इंडिपेंडेंट टीवी ने पिछले पांच साल से किराये और बिजली का भुगतान नहीं किया है, इसलिए पहले बकाया चुकाने के बाद ही कोई सहयोग दिया जा सकता है।

इंडिपेंडेंट टीवी की लिक्विडेशन प्रक्रिया के दौरान श्री साई बाबा शिप ब्रेकिंग कंपनी ने बोली जीतकर कंपनी की परिसंपत्तियों की सफल नीलामी खरीदार के रूप में जगह बनाई। इसके बाद 10 दिसंबर 2024 को कुल 1,874 यूनिट्स की परिसंपत्तियों/इन्वेंट्री का सेल सर्टिफिकेट और कब्जा ज्ञापन कंपनी को सौंपा गया।

हालांकि, इसके बाद रिलायंस रियल्टी ने एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया, ताकि लंबे समय से बकाया किराये और अन्य देयों की वसूली की जा सके। यह अर्जी उस समय दायर की गई थी जब कंपनी के खिलाफ सीआईआरपी जारी था।