भारतीय रसोई में हींग मसालों का एक ख़जाना है. यह न केवल स्वाद बढ़ाने में मदद करती है. बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से भी इसे बेहद फायदेमंद माना जाता है. आमतौर पर, इसका इस्तेमाल दाल या सब्ज़ी में तड़का लगाने के लिए होता है. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हींग एक असरदार घरेलू दवा के रूप में भी काम करती है. यह विशेष रूप से पेट दर्द और गैस की समस्या में बेहद कारगर मानी जाती है. हींग पाचन तंत्र को दुरुस्त करके पेट संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक है.
यह घरेलू नुस्खा जो सबको जानना चाहिए. आयुर्वेद के जानकार बताते हैं कि अगर किसी को गैस, पेट दर्द या पेट भारी लगने की समस्या हो, तो सिर्फ एक चुटकी हींग का इस्तेमाल राहत पहुँचा सकता है. इसके लिए थोड़ी-सी हींग को पानी में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इसे पेट पर हल्के हाथों से लगाएँ. हींग की गर्माहट और गुणकारी तत्व त्वचा के माध्यम से काम करते हैं, जिससे कुछ ही मिनटों में गैस निकलने लगेगी और पेट दर्द में आराम मिलेगा. यह नुस्खा पाचन संबंधी तत्काल राहत के लिए बहुत ही प्रभावी माना जाता है.
हींग का यह उपाय सिर्फ बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चों के लिए भी सुरक्षित माना गया है. छोटे बच्चों को अक्सर पेट में गैस या ऐंठन की समस्या होती है. ऐसे में उनके पेट पर हींग और पानी का यह लेप लगाने से तुरंत आराम मिलता है. यह उपाय बच्चों और बड़ों दोनों के लिए फायदेमंद है. कई घरों में आज भी दादियाँ और नानियाँ इस नुस्खे का उपयोग बच्चों की तकलीफ़ दूर करने के लिए करती हैं. हींग की प्राकृतिक गुणधर्म बच्चों के संवेदनशील पेट के लिए बिना किसी दुष्प्रभाव के आराम प्रदान करते हैं.
हींग में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं. नियमित रूप से खाने में थोड़ी मात्रा में हींग का प्रयोग पेट को हल्का और आरामदायक रखता है. इससे पेट में गैस बनने की संभावना कम हो जाती है और खाना आसानी से पच जाता है. इस तरह, हींग सिर्फ एक मसाला नहीं, बल्कि एक प्रभावी पाचन सहायक भी है जो पेट को हल्का और दुरुस्त रखने में मदद करता है.
आयुर्वेद में हींग को 'हिंग्वष्टक चूर्ण' जैसी कई औषधियों का अभिन्न हिस्सा बताया गया है. यह सिर्फ पाचन में ही सहायक नहीं है, बल्कि शरीर से विषैले तत्वों (Toxins) को बाहर निकालने में भी मदद करती है. पेट दर्द, अपच, कब्ज़ और गैस जैसी समस्याओं में हींग को प्राकृतिक औषधि के रूप में इस्तेमाल करने की परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है. इस तरह, हींग न केवल एक मसाला है, बल्कि आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि भी है जो पाचन और संपूर्ण शारीरिक शुद्धि में अपनी अहम भूमिका निभाती है.
आज के समय में लोग पेट दर्द या गैस के लिए तुरंत टैबलेट ले लेते हैं, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि घरेलू उपाय हमेशा बेहतर और साइड इफेक्ट-फ्री होते हैं. हींग का यह सरल नुस्खा न तो महंगा है और न ही किसी नुकसानदायक तत्व से भरा. यह प्राकृतिक रूप से असर दिखाता है और सिर्फ कुछ सेकंड में ही राहत पहुंचाता है. इसलिए, हींग का लेप लगाना या इसे आहार में शामिल करना रासायनिक दवाओं के उपयोग से बचने और पाचन स्वास्थ्य को बनाए रखने का एक उत्कृष्ट, पारंपरिक तरीका है.
