ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के कमला राजा अस्पताल में डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा है. मामला डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत का है. प्रसव के दौरान बच्चा आधा ही बाहर आया था और उसकी जान चली गई. न्याय के लिए घंटों धरने पर बैठा रहा पिता. अस्पताल के डीन ने जांच कराने की बात कही है.
कमला राजा अस्पताल में महिला की डिलीवरी
ग्वालियर के कर्मचारी आवास कॉलोनी में रहने वाला धर्मेंद्र सेंगर खाद बीज की दुकान चलाता है. पिछले कुछ महीनों से घर में सभी खुश थे क्योंकि धर्मेंद्र की पत्नी सोन दुर्गा गर्भवती थी. प्रसव का समय नजदीक आ चुका था. जब प्रसूता को प्रसव पीड़ा हुई तो गुरुवार को पति धर्मेंद्र उसे इस उम्मीद में शहर के कमला राजा अस्पताल ले कर गया था कि वह पिता बनकर लौटेगा. लेकिन उसकी खुशियां तब मातम में बदल गईं जब प्रसव के दौरान उसका नवजात शिशु मां के गर्भ से पूरा बाहर भी ना आ पाया और उसकी मौत हो गई.
डॉक्टरों पर पार्टी में व्यस्त होने का आरोप
पीड़ित दंपति का आरोप है कि, उनके बच्चे की जान अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों और स्टाफ की गलती से गई है. धर्मेंद्र के मुताबिक, उसकी पत्नी को जब प्रसव पीड़ा हुई और उसकी हालत खराब होने लगी तो वह पत्नी को लेकर अस्पताल पहुचा था. वह चाहता था कि, पत्नी का इलाज जल्दी से शुरू हो जाये लेकिन स्टाफ द्वारा उसे यह कहकर नजर अंदाज कर दिया गया कि, डॉक्टर पार्टी में व्यस्त हैं. अस्पताल में किसी ने प्रसूता को अटेंड नहीं किया वह काफी देर तक दर्द से तड़पती रही.
बाहर निकला आधा बच्चा, चली गई जान
कई घंटे गुजर गए इस बीच बच्चा बाहर निकालने लगा वह आधा बाहर लटक गया. इस तरह के हालात देखा धर्मेंद्र घबरा गया और जल्दी से एक डॉक्टर को बुलाकर लाया आनन फानन में उसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक बच्चे की जान जा चुकी थी. इस घटना से आहत पीड़ित धर्मेंद्र न्याय के लिए कई घंटों तक धरने पर भी बैठा.
जिम्मेदार कह रहे जांच की बात
वहीं इस मामले में डॉक्टरों का कहना था की, बच्चे की धड़कन पहले से ही नहीं आ रही थी. वहीं, गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के अन्तर्गत आने वाले कमला राजा अस्पताल की घटना पर डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा कि, ''मामले में जांच की जाएगी, अगर डॉक्टरों की गलती से बच्चे की जान गई है तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.''
