काठमांडू : नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी आंदोलन का आज तीसरा दिन है। हिंसक प्रदर्शन रोकने के लिए सेना ने मंगलवार रात 10 बजे से पूरे देश का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया है।
नेपाली सेना ने कहा कि मुश्किल समय का फायदा उठाकर कुछ उपद्रवी आम लोगों और सरकारी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। लूटपाट और आग लगाने जैसी हरकतें हो रही हैं। ऐसी गतिविधियां बंद कर दें।
प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देखते हुए केपी शर्मा ओली ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर काठमांडू छोड़ दिया है। इससे पहले आंदोलनकारियों ने केपी ओली के निजी घर, राष्ट्रपति भवन और सुप्रीम कोर्ट में आग लगा दी।
राजधानी काठमांडू और आसपास के इलाकों में झड़पों और आगजनी में अब तक 22 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल हैं।
3 पूर्व प्रधानमंत्रियों के घर जलाए
आंदोलनकारियों ने कल नेपाल के 3 प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा, झालानाथ खलान और पुष्प कमल दहल प्रचंड के घर में आग लगा दी।
पूर्व पीएम झालानाथ खनाल के घर में आग लगाने से उनकी पत्नी राजलक्ष्मी चित्रकार गंभीर रूप से जल गईं। उन्हें तुरंत कीर्तिपुर बर्न अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा को उनके घर में घुसकर पीटा, जबकि वित्त मंत्री विष्णु पौडेल को काठमांडू में उनके घर के पास दौड़ा-दौड़ाकर मारा।
प्रदर्शनकारियों और सेना के बीच आज बातचीत होगी
नेपाल में आज राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल की मौजूदगी में नेपाल सेना और प्रदर्शनकारी युवाओं के बीच औपचारिक बातचीत होगी। हालांकि, अभी इसका समय तय नहीं किया गया है।
इसका मकसद आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करना है। मंगलवार रात को राष्ट्रपति भवन, शीतल निवास में युवा प्रतिनिधियों और सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल के बीच अनौपचारिक बातचीत हुई थी। इसके बाद आज सुबह से औपचारिक बातचीत की तैयारी की गई है।
इस बातचीत का मुख्य एजेंडा नागरिक सरकार का गठन, संसद भंग करना और नए चुनाव कराना होगा। प्रदर्शनकारी युवा मांग कर रहे हैं कि पार्टियों को सत्ता से हटाकर जनता के नेतृत्व में नई सरकार बनाई जाए। काठमांडू महानगर के प्रमुख बालेन शाह ने भी संसद भंग करने की शर्त पर बात करने का समर्थन किया है।
पशुपतिनाथ मंदिर जा रहे यात्री बिना दर्शन के लौट रहे
प्रदर्शन के चलते कई फ्लाइट कैंसिल कर दी गईं हैं। जिससे पशुपतिनाथ मंदिर जा रहे कई यात्री अब बिना दर्शन के ही अपने-अपने घरो को लौट रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों ने वकीलों के ऑफिस जलाए, कई डाक्यूमेंट्स खाक हुए
नेपाल के चितवन जिले में प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार रात जिला प्रशासन कार्यालय और चुनाव कार्यालय में आग लगा दी। आग इतनी भयानक थी की बुधवार सुबह तक इसे नहीं बुझाया जा सका।
पुलिस के अनुसार, जिला अदालत और सरकारी वकीलों के ऑफिस में भी आग लगाई गई, जिससे कई कागजात नष्ट हो गए।
भारतपुर और दूसरे क्षेत्रों में नगरपालिका और वार्ड कार्यालयों पर भी हमला हुआ। नेपाली कांग्रेस, UML और माओवादी सेंटर के कार्यालयों को भी आग के हवाले कर दिया गया।