भोपाल: अपनी घटिया डिजाइन के नाम पर पूरी दुनिया में बदनाम हो चुके भोपाल के ऐशबाग ओवरब्रिज को सुधारने का खाका तैयार हो चुका है। सीएम डॉ. मोहन यादव की सख्ती के बाद इस मामले में कई इंजीनियर सस्पेंड हुए और इस 90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज को सुधारने की योजना बनी। अब जल्द ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) डिजाइन को अंतिम रूप देने के बाद इसका प्रस्तुतिकरण उच्च स्तरीय समिति के सामने देगा।
सीएम की स्वीकृति के बाद शुरू होगा काम
खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस नई डिजाइन को देखेंगे, सीएमओ से मंजूरी मिलते ही सुधार कार्य प्रारंभ हो जाएगा। आपको बता दें कि करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से ऐशबाग आरओबी का निर्माण किया गया था। इसका लोकार्पण खुद मुख्यमंत्री 15 जून को करने वाले थे, लेकिन इस बीच 90 डिग्री का अजूबा मोड़ लोगों की नजर में आया और हल्ला मच गया।
बदनामी के बाद हुई कार्रवाई
बदनामी होने के बाद सरकार ने इसके निर्माण से जुड़े सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। तब मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा था कि मोड़ को बिना सुधारे पुल पर यातायात शुरू नहीं होगा। इसके बाद मोड़ को सुधारने के लिए नए डिजाइन पर काम शुरू हुआ। पीडब्ल्यूडी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और रेलवे ने मिलकर डिजाइन में सुधार का फॉर्मला दिया है। अब इसे समिति द्वारा सहमति लेकर मुख्यमंत्री को दिखाया जाएगा।
फिलहाल दोनों ओर से बंद है पुल
वर्तमान में इस ब्रिज को सुरक्षा की दृष्टि से पुल के दोनों छोर पुल बोगदा और ऐशबाग की तरफ पर टीन लगाकर बंद रखा गया है। सुधार कार्य पूरा होने के बाद ही इस पुल को यातायात के लिए खोला जाएगा।
क्या है 90 डिग्री वाला ऐशबाग आरओबी
आपको बता दें कि 648 मीटर लंबाई और 08 मीटर चौड़ाई वाले ब्रिज के लिए 21 मई 2022 में इस ब्रिज के निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ था। 17 करोड़ 37 लाख प्रोजेक्ट की लागत वाले ब्रिज के निर्माण को पूर्ण होने की समय सीमा अगस्त 2024 तय की गई थी।