छिंदवाड़ा : छिंदवाड़ा जिले के परासिया सिविल अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया, जब पता चला कि लेडीज टॉयलेट के कमोड में नवजात बच्ची का शव फंसा है. सोमवार रात करीब 8 बजे तक 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद टॉयलेट तोड़कर शव को बाहर निकाला गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस की मौजूदगी में टॉयलेट से निकाली डेडबॉडी
मामले के अनुसार परासिया सिविल अस्पताल के लेडीज टॉयलेट को यूज़ करने महिला कर्मचारी गई. उसने देखा कि टॉयलेट सीट पानी से भरी हुई और जाम है. उसमें फ्लश नहीं हो रहा था. जब महिला कर्मचारी ने नजदीक से देखा तो उसके होश उड़ गए. टॉयलेट सीट में नवजात का शव देख महिला कर्मचारी घबराकर बाहर निकली और प्रबंधन को सूचित किया. अस्पताल प्रबंधन ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी. इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में फंसे शव को निकालने की मशक्कत शुरू हुई.
नवजात की डेडबॉडी टॉयलेट में कौन फेंक गया
सिविल अस्पताल की प्रभारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुधा बख्शी ने बताया "सोमवार 12 बजे दोपहर टॉयलेट में नवजात का शव फंसा देखा गया. 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस के साथ ही अस्पताल स्टाफ और नगर पालिका के कर्मचारियों ने शव को टॉयलेट तोड़कर निकाला. हो सकता है ओपीडी के समय कोई गर्भवती महिला इलाज़ के लिए आई होगी और टॉयलेट में डिलीवरी हो गई हो. सबूत छिपाने के लिए नवजात को टॉयलेट सीट में डाल दिया गया."
पुलिस मामले की जांच में जुटी
वहीं, अस्पताल प्रंबधन ने एएनसी, पीएनसी कक्ष और लेबर रूम में जाकर देखा. वहां ऐसी कोई महिला नहीं मिली, जिसकी डिलीवरी हुई हो और वह बिना बच्चे के अस्पताल में हो. इसके बाद पुलिस को तहरीर भेजी गई. थाना प्रभारी भुवन देशमुख ने बताया "सिविल अस्पताल के डॉक्टर की शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है."
