“Nvidia बनी पहली $4 ट्रिलियन कंपनी, AI‑चिप्स की मांग ने बनाया इसे मार्केट का घराना”

सिलिकॉन वैली की चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया बुधवार को दुनिया की पहली सार्वजनिक कंपनी बन गई, जिसका मूल्यांकन चार ट्रिलियन डॉलर से भी ज्यादा हो गया है। एनवीडिया ने यह उपलब्धि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के कारण हासिल की है। इसकी खास चिप्स एआई तकनीक में बहुत काम आती हैं, और दुनियाभर में इनकी मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। प्रौद्योगिकी में ये बदलाव वैसे ही बड़े माने जा रहे हैं, जैसे एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने 18 साल पहले आईफोन लॉन्च करके दुनिया की टेक्नोलॉजी को बदल दिया था। इन बदलावों के चलते एआई क्षेत्र की अग्रणी कंपनी एनवीडिया का मूल्य अब एप्पल से 900 बिलियन डॉलर अधिक है। एप्पल आईफोन की सफलता के बल पर 1, 2 और अंततः 3 ट्रिलियन डॉलर के मूल्यांकन वाली पहली सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी बनी थी।

मैटल ने टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित पहली बार्बी पेश की

मैटल ने अपनी एक नई बार्बी पेश की है, जो टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है। कंपनी का यह कदम अपनी गुड़ियाओं में विविधता और समावेश बढ़ाने की कोशिश का हिस्सा है। मैटल ने मंगलवार को कहा कि इस गुड़िया को बनाने के लिए उसने ब्रेकथ्रू टी1डी- एक टाइप 1 डायबिटीज अनुसंधान और वकालत संगठन के साथ साझेदारी की है, जिसे पहले जुवेनाइल डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन या जेडीआरएफ के नाम से जाना जाता था। यह संगठन टाइप 1 डायबिटीज पर रिसर्च करता है और इस बीमारी से जूझ रहे लोगों की मदद करता है। इस सहयोग का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गुड़िया का डिजाइन असली जिंदगी से मेल खाए और उस समुदाय की सही तस्वीर दिखाए। कैलिफोर्निया स्थित कंपनी ने बताया कि गुड़िया में ऐसे सहायक उपकरण लगाए गए हैं, जो टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए जरूरी होते हैं। जैसे- बांह पर कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनीटर (सीजीएम)- यह एक छोटा सा उपकरण है जो लगातार ब्लड शुगर लेवल को मापता है। इसके अलावा, कमर पर इंसुलिन पंप- ये शरीर को जरूरी मात्रा में इंसुलिन देता है। हाथ में एक मोबाइल फोन- इसमें एसा ऐप दिख रहा है जो डायबिटीज को मैनेज करने में मदद करता है। नीला पर्स- इसमें जरूरी और खाने-पीने की चीजें रखी जा सकती हैं। इस बार्बी का कपड़ा भी नीले रंग का है, जिस पर सफेद पोल्का डॉट्स बने हैं। नीला रंग डायबिटीज जागरूकता का प्रतीक है।

आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व ईपीएफओ अधिकारी की 50 लाख की संपत्ति अटैच

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने आय से अधिक संपत्ति रखने और रिश्वतखोरी से जुड़े एक मामले में धन शोधन निरोधक कानून के तहत मध्य प्रदेश के एक पूर्व ईपीएफओ अधिकारी और उनके परिवार की 50 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति अटैच की है। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि अधिकारी श्यामलाल अखंड के खिलाफ मंगलवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया गया। ईडी ने दावा किया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में एक प्रवर्तन अधिकारी के रूप में, अखंड ने 2009 और 2019 के बीच जांच अवधि के दौरान अपनी ज्ञात वैध आय से अधिक अवैध रूप से संपत्ति जमा करने के लिए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। 

ग्रैन्यूल्स ने अमेरिका में रक्तचाप कम करने वाली दवा की 33 हजार बोतलें वापस मंगाईं

दवा कंपनी ग्रैन्यूल्स इंडिया विनिर्माण संबंधी समस्याओं के कारण अमेरिका में रक्तचाप कम करने वाली एक जेनेरिक दवा की 33 हजार से अधिक बोतलें वापस मंगा रही है। अमेरिकी खाद्य एवं दवा प्रशासन (एफडीए) ने ने अपनी हालिया प्रवर्तन रिपोर्ट में कहा कि हैदराबाद स्थित दवा विनिर्माता कंपनी 100 और 500 गोलियों वाली मेटोप्रोलोल सक्सीनेट विस्तारित-रिलीज टैबलेट की 33,024 बोतलें वापस मंगा रही है।

अमेरिका स्थित ग्रैन्यूल्स फार्मास्युटिकल्स इंक ने कहा कि वह विनिर्देशों में विफल रहने के कारण भारत में उत्पादित खेप को वापस मंगा रही है। यूएसएफडीए ने कहा कि यह उत्पाद छठे महीने में स्थिरता अध्ययन में मानदंडों को पूरा करने में विफल रहा। ग्रैन्यूल्स ने 24 जून को राष्ट्रव्यापी श्रेणी-दो वापसी अभियान की शुरुआत की थी। यूएसएफडीए के अनुसार श्रेणी-दो वापसी अभियान तब शुरू किया जाता है, जब उल्लंघनकारी उत्पाद के उपयोग या संपर्क से अस्थायी या चिकित्सकीय रूप से प्रतिकूल स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं।

कार्लाइल समेत दो पर चार लाख का जुर्माना

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने क्वेस्ट ग्लोबल सर्विसेज में हिस्सा लेने के लिए गलत तरीके से ग्रीन चैनल रूट का उपयोग करने के लिए कार्लाइल और बेक्वेस्ट पर 4 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मामला क्वेस्ट में 23.6 प्रतिशत हिस्सा लेने से जुड़ा हुआ है।

धोखाधड़ी से एटीएम से निकाली गई रकम, एसबीआई को देना पड़ा हर्जाना

एक व्यक्ति के एटीएम से धोखाधड़ी से रकम निकालने के मामले में 11 साल बाद भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई को हर्जाना देना पड़ा है। एसबीआई के इस ग्राहक के एटीएम से 4 जनवरी, 2014 को तीन बार में 22,000 रुपये की नकदी निकाली गई थी। ग्राहक का दिल्ली के एसबीआई में खाता था। फिर इंडियन ओवरसीज बैंक के एटीएम से पैसे निकाले। इसके बाद उन्हें 22,000 रुपये निकासी के तीन संदेश आए। उन्होंने एसबीआई व आरबीआई बैंकिंग लोकपाल के पास शिकायत दर्ज कराई। सफलता नहीं मिलने पर दिल्ली उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई। 25 अक्तूबर, 2017 को दिल्ली जिला उपभोक्ता आयोग ने एसबीआई को 4 जनवरी, 2014 से वसूली तक 10% सालाना ब्याज सहित 20,000 रुपये वापस करने का निर्देश दिया। मुकदमे की लागत के लिए 5,000 और मानसिक कष्ट के लिए 10,000 भी देने का आदेश दिया। एसबीआई ने इस फैसले के खिलाफ दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील किया जिसे आयोग ने मानने से इन्कार कर दिया।

दुर्लभ खनिज उत्पादन योजना में बड़े औद्योगिक समूहों की दिलचस्पी

दुर्लभ खनिज की कमी से जूझ रहे भारत ने स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इस योजना में बड़े औद्योगिक समूहों ने दिलचस्पी दिखाई है। भारत इस मामले में चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। सरकार दुर्लभ खनिज का निर्माण करने वाली निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए 25 अरब रुपये के प्रोत्साहन कार्यक्रम की योजना बना रही है। वेदांता समूह, जेएसडब्ल्यू व इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों की निर्माता सोना बीएलडब्ल्यू ने रुचि दिखाई है। नीति का खाका जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। दुनिया के 90 फीसदी दुर्लभ खनिज प्रसंस्करण पर नियंत्रण रखने वाले चीन ने अमेरिका के साथ व्यापार युद्ध के बाद निर्यात पर रोक लगा दी है। इससे भारत में काम करने वाली कंपनियों सहित वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्माताओं की आपूर्ति बाधित हुई हैं।