इस साल भाद्रपद पूर्णिमा 7 सितंबर रविवार को है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन स्नान के बाद सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है. इससे जीवन में सुख, शांति, समृद्धि, धन, संपत्ति आदि बढ़ती है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन आप तुलसी के कुछ उपायों को करके धन और बिजनेस में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं. आइए जानते हैं भाद्रपद पूर्णिमा पर तुलसी के उपायों के बारे में.
भाद्रपद पूर्णिमा पर तुलसी के उपाय
1. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन आप स्नान के बाद जब पूजा करें तो तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें. उसके बाद एक दीपक जलाएं. उसमें घी या फिर तिल के तेल का उपयोग करें. माता लक्ष्मी की पूजा करें. इससे दरिद्रता और आर्थिक तंग दूर होती है. घर में माता लक्ष्मी का वास होता है.
2. यदि आपको बिजनेस में लाभ नहीं हो रहा है तो भाद्रपद पूर्णिमा को तुलसी के 11 पत्तों को साफ कर लें. उस पर हल्दी से श्री लिखें और भगवान विष्णु को अर्पित कर दें. तुलसी के इस उपाय से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों की प्रसन्न होंगे. आपके धन और कारोबार में बढ़ोत्तरी होगी.
3. भाद्रपद पूर्णिमा की रात तुलसी के पास एक दीपक जलाएं. फिर माता लक्ष्मी का ध्यान करके तुलसी की जड़ के पास चांदी का एक सिक्का रख दें. उस सिक्के को रातभर वहीं रहने दें, उसके अगले दिन उस सिक्के को अपने पर्स या तिजोरी में रख दें. आप पर माता लक्ष्मी की कृपा होगी, आपके धन और संपत्ति वृद्धि होगी.
4. भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर आप पूजा के समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. इस मंत्र जाप के लिए तुलसी की माला का उपयोग करें. आप चाहें तो ॐ नमो नारायणाय मंत्र का भी जाप कर सकते हैं. वैसे ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र सर्व मनोकामना पूर्ति का माध्यम है. धन, सुख, समृद्धि की मनोकामना से आप इस मंत्र का जाप करें, आप पर माता लक्ष्मी और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा होगी.
5. भाद्रपद पूर्णिमा की रात दूध में चावल और शक्कर डालकर खीर बनाएं. खीर जब ठंडी हो जाए तो उसमें तुलसी के कुछ पत्ते डाल दें. खीर का कुछ अंश भगवान विष्णु और माता पार्वती को भोग स्वरूप अर्पित कर दें, कुछ दान कर दें और कुछ को प्रसाद स्वरूप परिवार के सदस्यों में बांट दें. आप और आपके पूरे परिवार को माता लक्ष्मी के साथ विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. कष्ट मिटेंगे और पुण्य लाभ होगा. आपके रिश्ते मधुर रहेंगे.