
आपातकाल: स्वर्णिम लोकतंत्र का काला अध्याय
भोपाल : भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और संविधान लोकतंत्र का रक्षक, क्योंकि संविधान लोकतांत्रिक मूल्यों, मौलिक अधिकारों और नागरिक स्वतंत्रता की आधारशिला है, किंतु 25 जून 1975 से 31 मार्च 1977 तक का कालखंड ऐसा था, जब देश में सत्ताधारी नेताओं द्वारा इन सभी मूल्यों का गला घोंटा गया। संवैधानिक शब्दावली में…